वैश्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई की पुनर्संतुलन की कवायद से पैसिव फंडों की करीब 25 करोड़ डॉलर की बिकवाली हो सकती है। यह मोटे तौर पर इटरनल (पहले जोमैटो), एशियन पेंट्स और जिंदल स्टील ऐंड पावर के भारांक में कमी और सोना बीएलडब्ल्यू प्रीसिजन व थर्मेक्स के एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स से बाहर निकलने के कारण होगी। नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज को 25 करोड़ डॉलर से लेकर 27 करोड़ डॉलर की शुद्ध निकासी की उम्मीद है।
निकासी और भी ज्यादा होती अगर स्विगी, विशाल मेगा मार्ट, हिताची एनर्जी और वारी एनर्जीज जैसी कंपनियों के शेयर इंडेक्स में शामिल नहीं किए जा रहे होते। व्यापक रूप से ट्रैक किए जाने वाले इस इंडेक्स में इन शेयरों को शामिल करने का कदम इन कंपनियों की शेयरधारिता में लॉक अप अवधि खत्म होने या इनमें हुई तेज वढ़ोतरी की वजह से उठाया गया है।
विशाल मेगा मार्ट का शेयर इस साल 35 फीसदी से अधिक चढ़ा है। हिताची एनर्जी और वारी एनर्जीज में क्रमश: 43 और 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस पुनर्संतुलन का सबसे बुरा असर फूड एग्रीगेटर प्लेटफ़ॉर्म इटरनल पर पड़ा है।
नुवामा को आशंका है कि इस साल की शुरुआत में विदेशी स्वामित्व की सीमा 49.5 फीसदी तय होने के बाद भारांक में कमी के कारण 57.1 करोड़ डॉलर की पैसिव बिकवाली होगी। नुवामा के अनुसार सोना बीएलडब्ल्यू प्रीसिजन फोर्जिंग्स और थर्मैक्स को बाहर करने से संचयी रूप से 34 करोड़ डॉलर की निकासी की संभावना है।
इसके अलावा, एमएससीआई ग्लोबल स्मॉलकैप इंडेक्स में बदलाव के तहत 15 कंपनियों को शामिल किया गया जबकि छह को बाहर। इनमें बेलराइज इंडस्ट्रीज, ब्रेनबीज़ सॉल्युशंस और कैपरी ग्लोबल शामिल हैं। दूसरी ओर, भारत डायनेमिक्स, ईज़ी ट्रिप प्लानर्स और हिकल, जैन इरिगेशन को स्मॉलकैप इंडेक्स से बाहर कर दिया गया है। एमएससीआई इंडेक्स में समायोजन 26 अगस्त को होगा।