धोखाधड़ी से निपटने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ब्रोकर, म्युचुअल फंड और निवेश सलाहकारों समेत सभी पंजीकृत मध्यस्थों के लिए एक नया यूपीआई हैंडल ‘@वैलिड’ अनिवार्य कर दिया है। इस कदम से यह सुनिश्चित होता है कि निवेशक केवल अधिकृत संस्थाओं को ही भुगतान करें, जिससे धोखाधड़ी वाले लेनदेन का जोखिम कम हो जाता है।
1 अक्टूबर से स्टॉकब्रोकर, शोध विश्लेषक और निवेश सलाहकार जैसे मध्यस्थों को नया यूपीआई आईडी प्रारूप अपनाना होगा, जो एबीसी डॉट बीकेआर @वैलिडएचडीएफसी और एक्सवाईजेड डॉट बीकेआर @वैलिडएचडीएफसी के रूप में दिखाई देगा।
विजिवलिटी बढ़ाने के लिए सत्यापित यूपीआई आईडी के साथ एक हरे रंग का आइकन (अंगूठा ऊपर) होगा, जो अंग्रेजी न बोलने वालों को प्रमाणीकरण में सहायता करेगा। नई प्रणाली का मौजूदा एसआईपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन नए निवेशों को नए हैंडल का उपयोग करना होगा।
करीब 8,000-9,000 इटरमीडियरीज इस सिस्टम में शामिल हो जाएंगे। पूंजी बाजार में लेनदेन के लिए यूपीआई की दैनिक सीमा 5 लाख रुपये बनी रहेगी।
बैंक सेबी के पोर्टल पर इंटरमीडियरीज की पुष्टि करने के बाद ही ‘@वैलिड’ आईडी जारी करेंगे। पुराने यूपीआई हैंडल चरणबद्ध तरीके से समाप्त होने से पहले संक्रमण काल के दौरान समानांतर चल सकते हैं।
सेबी के चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडेय ने जोर देते हुए कहा है कि सेबी अगले दो वर्षों में निवेशकों को शिक्षित करेगा और जागरूकता अभियान चलाएगा। इसके अतिरिक्त, नियामक एक टूल ‘सेबी चेक’ विकसित कर रहा है, जो इंटरमीडिरीज की यूपीआई आईडी और बैंक विवरणों को सत्यापित करने का एक उपकरण है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश जारी करेगा तथा गैर-भुगतान मकसदों के लिए इन हैंडलों के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाएगी।