अदाणी समूह की सभी 10 कंपनियों के शेयर मीडिया की इस खबर के बाद टूट गए, जिससे समूह के कर्ज के स्तर को लेकर फिर से चिंता पैदा हो गई।
समूह की कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (mcap) 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया। मुख्य कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर मे सबसे 7.1 फीसदी की गिरावट आई और यह 1,602 रुपये पर बंद हुआ।
अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड का शेयर 5.7 फीसदी टूटकर 594 रुपये पर बंद हुआ। समूह की अन्य छह कंपनियों के शेयर 5 फीसदी निचली सीमा पर बंद हुए, वहीं एसीसी व अंबुजा सीमेंट्स मे क्रमश: 4.2 फीसदी व 2.9 फीसदी की गिरावट आई।
खबरों में कहा गया है कि अदाणी समूह पिछले साल लिए गए 4 अरब डॉलर के कर्ज की शर्तों पर दोबारा बातचीत की कोशिश कर रहा है। एक अन्य खबर में समूह की तरफ से 2.15 अरब डॉलर के कर्ज के पुनर्भुगतान के दावे पर चिंता जताई गई है।
वेबसाइट द केन की रिपोर्ट में कहा गया है, अदाणी समूह की तरफ से शेयर समर्थित 2.15 अरब डॉलर के कर्ज के पूर्ण पुनर्भुगतान के दावे के बावजूद नियामकीय सूचनाएं बताती है कि बैंकों ने प्रवर्तकों के शेयरों का बड़ा हिस्सा अभी जारी नहीं किया है, जो संकेत देता है कि कर्ज का पूरा भुगतान नहीं किया गया है।
इस रिपोर्ट पर NSE ने अदाणी एंटरप्राइजेज से स्पष्टीकरण मांगा है। एनएसई ने कहा, एक्सचेंज ने अदाणी एंटरप्राइजेज से हालिया खबर के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। कंपनी के जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह संकट में है, जिसमें शेयरों में कथित गड़बड़ी और कर्ज को लेकर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी की सूचीबद्ध कंपनियों पर भारी कर्ज है।
इस रिपोर्ट के बाद समूह का बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया था। निवेशकों की चिंता दूर करने के लिए अदाणी प्रवर्तकों ने कई कदम उठाए, जिसमें समूह की चार कंपनियों के 15,000 करोड़ रुपये के शेयर जीक्यूजी पार्टनर्स को बेचना शामिल है।
अमेरिकी निवेश फर्म के समर्थन से अदाणी समूह के शेयरों में अपने निचले स्तर से खासा सुधार हुआ। अभी भी समूह की 10 कंपनियों के शेयर हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद से 22 से 77 फीसदी तक नीचे हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों का उच्च पीई गुणक उसे नकारात्मक खबरों के मामले में ज्यादा नाजुक बनाता है।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, अभी भी मूल्यांकन महंगे हैं। वे पूंजी जुटाने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। जहां भी उन्होंने हिस्सेदारी बेचकर रकम जुटाई है उससे कर्ज चुकाने और कुछ हद तक चिंता दूर करने में मदद मिली है। लेकिन बढ़त दर्ज करने के मद में कोई रकम नहीं गई है। जब आपके शेयर टूट रहे हों तो गिरवी शेयर छुड़ाना जटिल हो जाता है। पीई को सही ठहराने के लिए आपको दिखाना होगा कि वृद्धि हो रही है।