facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

अमेरिका-भारत ट्रेड डील की उम्मीद और फेड रेट कट संकेतों से बाजार में उछाल; सेंसेक्स 585 अंक चढ़ा

उम्मीद है कि प्रस्तावित व्यापार समझौते से चुनिंदा वस्तुओं पर टैरिफ में भारी कमी आ सकती है

Last Updated- November 12, 2025 | 9:20 PM IST
stock market

अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते को लेकर आशावाद तथा अगले महीने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने की बढ़ती उम्मीदों के कारण भारतीय शेयर सूचकांकों ने बुधवार को तीसरे दिन भी बढ़त का सिलसिला जारी रखा। सेंसेक्स 585 अंक यानी 0.7 फीसदी की बढ़त के साथ 84,467 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 181 अंक बढ़कर 25,876 पर टिका। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 4.75 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 474 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

अक्टूबर से शेयर बाजार में लगातार बढ़त जारी है। इसे कंपनियों की मजबूत आय से बल मिला है। अब यह उम्मीद है कि प्रस्तावित व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच चुनिंदा वस्तुओं पर टैरिफ में भारी कमी आ सकती है और इस कदम से टैरिफ 50 फीसदी से घटकर 15-16 फीसदी रह सकता है।

बुधवार की तेजी की अगुआई टेक्नॉलजी शेयरों ने की। निफ्टी आईटी इंडेक्स 2 फीसदी चढ़ा और उसने तीन दिन की बढ़त को 5 फीसदी पर पहुंचा दिया। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कुशल विदेशी कामगारों के लिए समर्थन के संकेत और वीज़ा प्रतिबंधों को लेकर चिंताओं में कमी के बाद अमेरिकी नीति को लेकर नए सिरे से आशावाद का इस क्षेत्र को फायदा हुआ। अमेरिकी सरकार की बंदी समाप्त होने की उम्मीदों तथा फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की आशा ने भी धारणा को और मजबूत किया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, भारत के साथ व्यापार शुल्कों पर अमेरिका के रुख नरम करने से इस तेजी को बल मिला। इसके अलावा, दूसरी तिमाही के स्थिर नतीजों, बिहार में राजग की जीत का संकेत देने वाले एग्जिट पोल और रिकॉर्ड एसआईपी निवेश ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि कमाई का मौजूदा सीजन, व्यापार समझौते पर प्रगति और बेहतर होते वैश्विक संकेतों से बाजार का सकारात्मक रुख बना रहेगा।

बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा और 2,447 शेयर चढ़े जबकि 1,764 में गिरावट आई। एसबीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी और डेरिवेटिव शोध प्रमुख सुदीप शाह ने कहा, आगे चलकर 25,760-25,730 का क्षेत्र निफ्टी के लिए तात्कालिक समर्थन का काम करेगा। 25,730 से नीचे का स्तर 25,560 मुनाफावसूली को बढ़ावा दे सकता है। ऊपर की ओर प्रतिरोध 26,000-26,030 पर है और इस सीमा से ऊपर लगातार बढ़ने से निकट भविष्य में 26,180 का रास्ता खुल सकता है।

सेंसेक्स के शेयरों में एशियन पेंट्स सबसे ज्यादा 4.5 फीसदी चढ़ा। इसके बाद टेक महिंद्रा का स्थान रहा जिसमें 3.4 फीसदी की वृद्धि हुई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बुधवार को 1,750 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5,127 करोड़ रुपये का निवेश किया। ताजा बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब एचएसबीसी और गोल्डमैन सैक्स जैसी विदेशी ब्रोकरेज कंपनियां भारत पर अधिक सकारात्मक रुख अपना रही हैं।

गोल्डमैन सैक्स के एक नोट में कहा गया है, भारत का इस साल अब तक का कमजोर प्रदर्शन उभरते बाजारों की तुलना में 27 फीसदी अंक रहा है जो दो दशकों में सबसे अधिक है। यह गिरावट मूल्यांकन में तेजी और चक्रीय विकास में मंदी के कारण शुरू हुई थी। लिहाजा, हमने पिछले साल अक्टूबर में भारत के बारे में अपने अनुमान को घटा दिया था। अब हम देख रहे हैं कि विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों, आय में सुधार, सहायक स्थिति और उचित मूल्यांकन के साथ भारत अगले साल बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। अमेरिकी ब्रोकरेज ने घरेलू बाजार को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है और निफ्टी का लक्ष्य 29,000 निर्धारित किया है।

एचएसबीसी में इक्विटी रणनीति के प्रमुख (एशिया प्रशांत) हेरल्ड वान डेर लिंडे ने कहा, हम भारत को एआई के लिए उपयोगी बचाव और एआई की दीवानगी से असहज लोगों के लिए विविधीकरण के स्रोत के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में भारत में विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना है।

First Published - November 12, 2025 | 9:14 PM IST

संबंधित पोस्ट