अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों को 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना से सहारा मिल सकता है। सप्ताहांत में अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) और अदाणी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) ने पात्र संस्थागत नियोजन (qualified institutional placement route) के जरिये क्रमश: 12,500 करोड़ रुपये व 8,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की थी।
गौतम अदाणी की अगुआई वाली बंदरगाह से लेकर बिजली क्षेत्र की दिग्गज की तरफ से पूंजी जुटाने का यह नया मामला होगा।
जनवरी में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद उसे 20,000 करोड़ रुपये के FPO को टालना पड़ा था। इस रिपोर्ट से निवेशकों का भरोसा डगमगा गया था और इस वजह से समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी नीचे आ गई थी।
एक विश्लेषक ने कहा, जनवरी की रिपोर्ट के बाद चार महीने से कम अवधि में रकम जुटाने का प्रस्ताव बाजार को सही संकेत देगा। यह बताता है कि समूह बाजार में एक बार फिर उतरने को लेकर पर्याप्त रूप से भरोसेमंद है और बड़े निवेशकों से कुछ प्रतिबद्धता हासिल हुई है।
निवेशकों के पोर्टफोलियो में बने रह सकते हैं होटल क्षेत्र के शेयर
राजस्व की रफ्तार और इस साल होने वाले बड़े आयोजनों को हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के शेयरों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है।
विश्लेषकों के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2022 में कमरे की दरें 6,100 रुपये रही, जिसके 2023 में 7,106 रुपये और 2024 में 7,639 रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा मध्यम अवधि में मांग-आपूर्ति का आयाम भारतीय हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लिए बेहतर बना रहेगा।
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उद्योग के अनुमान के मुताबिक, कमरों की कुल आपूर्ति 2022 व 2025 के बीच सालाना 6 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त मांग में बढ़ोतरी वाले कुछ कारक हैं मसलन भारत सरकार का इरादा जी-20 सम्मेलन का इस्तेमाल देसी पर्यटन के प्रोत्साहन के लिए करने का है। साथ ही 2023 में आईसीसी वर्ल्ड कप का आयोजन 23 अक्टूबर से लेकर 24 नवंबर तक भारत करेगा।
ETF में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी काफी कम
महामारी के बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों में कई गुना वृद्धि हुई है। लेकिन खुदरा निवेशकों (retail investors) की भागीदारी जितनी होनी चाहिए, उससे काफी कम है। खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी म्युचुअल फंडों उद्योग की खुदरा प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में महज 0.6 फीसदी है। यह जानकारी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट से मिली।
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मार्च 2018 तक खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 0.5 फीसदी रही है जबकि खुदरा ETF AUM तब के 2,900 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2023 में 6,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस अवधि में HNI का ETF AUM 2,800 करोड़ रुपये से बढ़कर 31,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो देश के अमीरों के बीच ETF को लेकर बढ़ती दीवानगी का संकेत देता है। मार्च 2023 में HNI का ETF AUM कुल MF AUM का 2.3 फीसदी था।