Stock market updates today, May 29: लोक सभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होने वाला है। 3 दिन बाद यानी 4 जून को ये भी फैसला हो जाएगा कि नई सरकार किसकी बनने जा रही है। क्या मोदी सरकार फिर से लौट कर आएगी या INDIA गठबंधन सरकार बनाएगी। लेकिन आज शेयर बाजार के गिरने में सिर्फ यही एक कारण नहीं रहा कि लोक सभा चुनाव के कारण निवेशकों में काफी अनिश्चितता है, बल्कि कई अन्य मुख्य कारण भी रहे।
भारतीय शेयर बाजारों में आज यानी 29 मई, 2024 को खूब बिकवाली देखी गई। S&P BSE सेंसेक्स इंट्राडे ट्रेड के दौरान 716 अंक गिरकर 74,455 के निचले स्तर पर पहुंच गया। दूसरी ओर, NSE निफ्टी 50 203 अंक फिसलकर 22,685 के निचले स्तर पर आ गया।
S&P BSE Sensex अंत में 668 अंक या 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,503 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, Nifty50 183 अंक या 0.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,705 पर बंद हुआ। ‘
लार्ज-कैप (large-cap) शेयरों में SBI लाइफ, HDFC लाइफ, ICICI बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, HDFC Bank, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, BPCL और ONGC 1 फीसदी से 3 फीसदी के बीच गिरकर टॉप पर रहे।
इस बीच, व्यापक बाजार में, बीएसई मिडकैप (BSE MidCap) इंडेक्स लगभग 0.4 फीसदी फिसलकर सपाट लाइन से नीचे था। हालांकि, BSE SmallCap इंडेक्स 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ एकमात्र ऐसा स्टॉक रहा, जो हरे निशान में था।
Geojit Financial Services के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘कमजोर वैश्विक संकेतों ने निवेशकों को US कोर PCE डेटा से पहले मुनाफा कमाने के लिए प्रेरित किया, जो मुद्रास्फीति (inflation) का एक प्रमुख संकेतक है, जिसके बढ़ने की आशंका है। ग्लोबल इनफ्लेसन में लगातार बढ़ोतरी, जैसे कि जापान और ऑस्ट्रेलिया में लेटेस्ट ट्रेंड, निकट अवधि में अमेरिकी फेड रेट में कटौती के प्रति निवेशकों की उम्मीद को कम कर रहे हैं। फाइनेंशियल और IT के भारी खराब प्रदर्शन के साथ सभी सेक्टर्स में आज व्यापक कमजोरी देखी गई है।’
लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले निवेशकों में घबराहट: एनालिस्ट मार्केट में जारी उतार-चढ़ाव का कारण लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले घबराहट बता रहे हैं। यह 4 जून, 2024 को आने वाला है।
हालांकि बाजार को भरोसा है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फिर से सरकार बनाएगी, लेकिन उन्हें डर है कि जीत का कम अंतर सरकार को बड़े सुधार करने से रोक सकता है।
ब्लूमबर्ग न्यूज सर्वे के मुताबिक, भारतीय शेयरों को अपनी रिकॉर्ड रैली बढ़ाने के लिए आम चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी को 303 से अधिक सीटें जीतने की जरूरत है।
भारतीय जनता पार्टी को कम बहुमत मिलने से NSE Nifty50 इंडेक्स में लगभग 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
ग्लोबल मार्केट में कमजोरी: एशिया-प्रशांत बाजार (Asia-Pacific markets ) बुधवार को कोस्पी (Kospi) और हैंग सेंग (Hang Seng) में 1.7 फीसदी की तेजी से गिरावट के साथ बंद हुए। इसके अलावा, ASX200 1.3 फीसदी गिर गया, और निक्केई (Nikkei) 0.8 प्रतिशत गिर गया।
यूरोपीय शेयर बाजार भी मंगलवार के एक महीने के सबसे खराब सेशन के बाद बुधवार को गिरावट के साथ खुले।
FTSE100 0.22 फीसदी, DAX 0.4 फीसदी, CAC40 0.5 फीसदी और Stoxx600 0.4 फीसदी नीचे थे।
वॉल स्ट्रीट पर, डॉव जोन्स 0Dow Jones), S&P500 और नैस्डैक (Nasdaq) से जुड़े फ्यूचर्स भी प्री-मार्केट सेशन में 0.3 प्रतिशत नीचे थे।
बॉन्ड यील्ड: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.5 फीसदी से ऊपर है, जबकि भारत में, 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 7 फीसदी से ऊपर है। हाई यील्ड निवेश को आकर्षक बनाती है, जिससे इक्विटी निवेश के लिए रिस्क- रिवार्ड प्रतिकूल हो जाता है।
FII की बिकवाली: भारतीय इक्विटी के अपेक्षाकृत महंगे वैल्यूएशन ने विदेशी निवेशकों को मुनाफावसूली करने के लिए मजबूर किया है। मई महीने में अब तक FIIs ने 34,935.53 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
टेक्निकल वजह: एंजेल वन में टेक्निकल ऐंड डेरिवेटिव रिसर्च के सीनियर एलालिस्ट ओशो कृष्णन के अनुसार, 22,800-22,700 के स्तर को निफ्टी के लिए तुरंत सपोर्ट के रूप में देखा जा सकता है। दूसरी ओर, 23,000-अंक एक बड़ी रुकावट दिखती है, इसके बाद 23,100 के आसपास का लेवल साइफटाइम हाई जोन है।