पिछला एक वर्ष आईटीसी (ITC) के शेयर के लिए शानदार तेजी वाला रहा है। इस शेयर में इस अवधि के दौरान करीब 59 प्रतिशत की तेजी आई है, जबकि निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक (Nifty FMCG index) 36 प्रतिशत चढ़ा है। सोमवार को यह शेयर NSE पर 465.95 रुपये के 52 सप्ताह ऊंचे स्तरों पर पहुंच गया था। बुधवार को भी यह शेयर NSE पर करीब 2 प्रतिशत की तेजी के साथ 475 रुपये पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, शेयर में तेजी कंपनी के व्यावसायिक खंडों द्वारा लगभग आधा दशक तक सुस्ती दर्ज करने के बाद शानदार प्रदर्शन दर्ज किए जाने की वजह से आई है। IDBI Capital में शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है, ‘ITC पिछले पांच साल में ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ा। हालांकि कंपनी ने पिछले एक साल में अच्छा प्रदर्शन किया है और सभी व्यावसायिक खंडों में सुधार आया है। सिगरेट पर टैक्स के संबंध में सरकार द्वारा सख्ती नहीं दिखाए जाने से भी मदद मिली। कुल मिलाकर वृद्धि की रफ्तार सुधरने लगी है, जिसका असर पिछले कुछ महीनों के दौरान शेयर भाव में दिखा है।’
बुनियादी स्तर पर, नोमुरा का मानना है कि मध्यावधि के दौरान ITC FMCG इंडस्ट्री की वृद्धि को मात देने की राह पर बढ़ रही है।
नोमुरा ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि ITC की ज्यादातर FMCG श्रेणियां सकारात्मक मुक्त नकदी प्रवाह (FCF) में सक्षम हैं। वहीं, व्यवसाय अब पूंजीगत खर्च वृद्धि के लिए सिगरेट एफसीएफ पर लंबे समय तक निर्भर नहीं हैं।
इसके अलावा, ITC का होटल व्यवसाय औसत कमरा किराया (ARR) में मजबूत सुधार दर्ज कर रहा है, क्योंकि यात्रा एवं पर्यटन (व्यवसाय एवं विदेशी यात्रा समेत) कोविड-पूर्व स्तरों पर लौट चुका है। ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2023-25 के दौरान करीब 13 प्रतिशत EPS CAGR के साथ इस शेयर के लिए 485 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।
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नोमुरा के मिहिर पी शाह और अंशुमान सिंह ने ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘FMCG मार्जिन मध्यावधि के दौरान तेजी से सुधरने (करीब 80-100 आधार अंक सालाना) की संभावना है। यह नई पेशकशों और तेजी से बढ़ रही नई श्रेणियों में प्रवेश की वजह से हासिल होने का अनुमान है। होटल व्यवसायों के लिए बड़ा पूंजीगत खर्च करने की योजना नहीं है, क्योंकि ITC ने ऐसेट-राइट मॉडल पर जोर दिया है। मौजूदा मार्जिन (होटल सेगमेंट में) मध्यावधि के दौरान टिकाऊ है।’
जेफरीज के विश्लेषकों के अनुसार, ऊंचे पूंजीगत खर्च और होटल व्यवसाय के अनुमान से कमजोर रिटर्न प्रोफाइल से निवेशकों को हमेशा से चिंताओं का सामना करना पड़ा।
पिछले 20 साल के दौरान इस सेगमेंट के लिए औसत सालाना FCF 1,500-3,000 करोड़ रुपये के दायरे में नकारात्मक रहा है।
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नियोजित पूंजी पर प्रतिफल (RoCE) कई वर्षों से एक अंक में बढ़ा, जो पूंजी की लागत से कम है। पिछले दशक में भी होटल व्यवसाय ने ITC के राजस्व और एबिटा में 5 प्रतिशत से कम योगदान दिया। जेफरीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, ITC के पूंजीगत खर्च में इस व्यवसाय का 20 प्रतिशत से ज्यादा योगदान रहा है।
ITC ने चेन्नई में एक होटल खरीद कर वर्ष 1975 में होटल व्यवसाय में प्रवेश किया था। वित्त वर्ष 2023 में राजस्व/एबिटा 2,700 करोड़ रुपये/800 करोड़ रुपये रहा और कंपनी के लिए 70 से ज्यादा स्थानों पर 120 होटलों में 11,500 से ज्यादा कमरे मौजूद हैं।
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तेजी के परिदृश्य में जेफरीज को वित्त वर्ष 2023-25ई के दौरान सिगरेट एबिटा में करीब 13 प्रतिशत सालाना वृद्धि और FMCG राजस्व में 14 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।