facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

हॉन्ग-कॉन्ग को पछाड़ भारत फिर बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार

अभी हॉन्गकॉन्ग का बाजार 12 महीने आगे के 9 गुना पीई पर कारोबार कर रहा है जबकि भारत के लिए यह 20 गुना है।

Last Updated- June 14, 2024 | 11:42 PM IST
Market Capitalisation

भारतीय शेयर बाजारों ने एक बार फिर हॉन्ग-कॉन्ग को पीछे छोड़कर वैश्विक स्तर पर चौथे पायदान पर कब्जा जमाया है। चुनाव नतीजों के दिन के निचले स्तर से बाजारों में तीव्र सुधार के बाद भारत का बाजार पूंजीकरण 10 फीसदी बढ़कर 5.2 लाख करोड़ डॉलर यानी 435 लाख करोड़ रुपये (BSE में सूचीबद्ध कंपनियां) पर पहुंच गया।

इसकी तुलना में हॉन्ग-कॉन्ग का बाजार पूंजीकरण 5.17 लाख करोड़ डॉलर है, जो इस साल के उसके उच्चस्तर 5.47 लाख करोड़ डॉलर से 5.4 फीसदी कम है।

भारत ने हॉन्ग-कॉन्ग की मार्केट वैल्यू को इस साल पहली बार जनवरी में पीछे छोड़ा था। तब इन दोनों की बाजार वैल्यू कई बार एक दूसरे से कम या ज्यादा होती रही है। इस साल के निचले स्तर 4.3 लाख करोड़ डॉलर से हॉन्गकॉन्ग का बाजार पूंजीकरण 27 फीसदी चढ़ा है और इसका कारण हॉन्गकॉन्ग और चीन की इक्विटी में सुधार के अलावा पेइचिंग की नीतियां रही हैं।

अभी हॉन्गकॉन्ग का बाजार 12 महीने आगे के 9 गुना पीई पर कारोबार कर रहा है जबकि भारत के लिए यह 20 गुना है। प्राइस टु बुक के आधार पर भारत 3 गुना पर कारोबार कर रहा है जबकि हॉन्गकॉन्ग महज एक गुना पर।

First Published - June 14, 2024 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट