एम्पलॉयी स्टॉक ऑप्शन योजना (ESOP) का विस्तार सहायक फर्मों के कर्मचारियों को करने की फेडरल बैंक की योजना को पर्याप्त शेयरधारकों का समर्थन नहीं मिला। इस संबंध में विशेष प्रस्ताव मतदान के लिए रखा गया, जिसे निवेशकों ने खारिज कर दिया। इस तरह से किसी देसी बैंक के लिए यह विरला उदाहरण है, जहां शेयरधारकों के हाथों उसे मात मिली।
फेडरल बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए ईसॉप योजना से संबंधित दो प्रस्ताव पेश किए थे तो शेयरधारकों ने आमसहमति से उसके हक में मतदान किया था। हालांकि ईसॉप योजना 2023 और फेडरल बैंक एम्पलॉयी स्टॉक इंसेटिव स्कीम 2023 का विस्तार सहायक कंपनियों के कर्मचारियों को करने वाले प्रस्ताव के खिलाफ 51.85 फीसदी मत मिले।
बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब में बैंक ने कहा कि ईसॉप योजना कर्मचारियों को बैंक में बनाए रखने के लिए लाया गया है। बैंक ने ईमेल के जरिए भेजे बयान में कहा है, इस प्रस्ताव को शेयरधारकों का आवश्यक समर्थन नहीं मिला।
इस प्रस्ताव का लक्ष्य कर्मचारियों को बैंक के साथ जोड़ने रखना और अपनी सहायक कंपनियों में उत्पादकता में इजाफा करने का है। अगर सहायक कंपनियों में इसे लागू किया जाता तो इस संबंध में खर्च संबंदित कंपनियां करती। यह पहल रणनीतिक तौर पर कर्मचारियों को बैंक के साथ जोड़े रखने के लिए की गई।
इसमें हमारा जोर पूर्ण स्वामित्व वाली परिचालन सहायक फेडसर्व पर था। फेडरल बैंक की दो सहायक कंपनियां एजिस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (विगत में आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस) और इक्विरस कैपिटल हैं। इसके अतिरिक्त बैंक की एक सहायक फेडबैंक फाइनैंशियल सर्विसेज है, जिसने बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के लिए विवरणिका का मसौदा जमा कराया है।
वोटिंग एडवाइजरी फर्म आईआईएएस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान की सिफारिश की थी। आईआईएएस ने एक नोट में कहा, हम सहायक इकाइयों के कर्मियों तक ईसॉप के विस्तार का समर्थन नहीं करते। इस प्रस्ताव के तहत बैंक अपनी सहायक कंपनियों के कर्मियों को उसके सूचीबद्ध होने के बाद भी ईसॉप देना जारी रख सकती है, जिसका हम समर्थन नहीं करते।
बैंक के शेयरधारकों में सार्वजनिक संस्थान भी हैं। ऐसे शेयरधारकों में एचडीएफसी म्युचुअल फंड (25 जुलाई को 4.49 फीसदी मतदान अधिकार), मिरे एमएफ (3.28 फीसदी), आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ (2.49 फीसदी), निप्पॉन लाइफ (2.47 फीसदी) और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (2.45 फीसदी) शामिल हैं। आईआईएएस के मुताबिक, विगत में छह अन्य बैंकों के शेयरधारक ऐसे प्रस्तावों को खारिज कर चुके हैं। इनमें जम्मू ऐंड कश्मीर बैंक, कर्नाटक बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। ईसॉप का मसला हमेशा से ही शेयरधारकों के लिए विवादास्पद रहा है।
विगत में नई पीढ़ी की कंपनियां मसलन जोमैटो, नायिका और पेटीएम ईसॉप के प्रस्तावों पर शेयरधारकों के असंतोष का सामना कर चुकी हैं।