यह शेयर जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड की सबसे बड़ी होल्डिंग (ओएनजीसी के साथ साथ) में से एक है और उनके ‘इंडिया लॉन्ग-ओनली’ पोर्टफोलियो में इसका 10 प्रतिशत भारांक है। वहीं 6 प्रतिशत भारांक ( weight) के साथ यह शेयर उनके एशिया एक्स-जापान लॉन्ग-ओनली थीमेटिक पोर्टफोलियो ( Asia ex-Japan long-only thematic portfolio) में भी शामिल है।
हालांकि अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का शेयर 2,236.85 रुपये के अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया है, और वह कैलेंडर वर्ष 2023 में सेंसेक्स के सबसे खराब प्रदर्शन वाले शेयरों में से एक बन गया है।
RIL का शेयर कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक करीब 11 प्रतिशत गिर चुका है, जबकि बीएसई के सेंसेक्स में इस अवधि के दौरान करीब 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह के अनुसार, इस शेयर में गिरावट मुख्य तौर पर बाजार धारणा में आई कमजोरी के अनुरूप है, जिससे RIL समेत कई लार्जकैप शेयर प्रभावित हुए।
शाह ने कहा, ‘कंपनी मजबूत स्थिति में है और ताजा ऊंचे स्तरों से 52 सप्ताह के निचले स्तर तक की गिरावट संपूर्ण कमजोर बाजार धारणा की वजह से आई है।’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के उप-प्रमुख देवार्ष वकील का भी मानना है कि कंपनी में बुनियादी तौर पर कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘शेयर में गिरावट विदेशी कारोबारियों द्वारा जोखिम से दूर रहने की धारणा को ध्यान में रखकर की गई बिकवाली पर आधारित हो सकती है। मैं इस शेयर पर उत्साहित हूं और निवेशकों को दीर्घावधि के नजरिये से गिरावट पर खरीदने का सुझाव देना चाहता हूं।’
हालांकि आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का मानना है कि शेयर में गिरावट की एक संभावित वजह आरआईएल की विस्तार योजनाओं की वजह से बढ़ता कर्ज हो सकता है। यह कर्ज ऐसे समय में बढ़ा है जब ब्याज दरों में इजाफा हो रहा है।
सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, आरआईएल का पूंजीगत खर्च अगले कुछ वर्षों के दौरान ऊंचा बना रह सकता है, क्योंकि उसके द्वारा पेट्रो रसायन विस्तार पर 9 अरब डॉलर, नवीन ऊर्जा पर 10 अरब डॉलर, 5जी स्पेक्ट्रम, 5जी पेशकश और अन्य सेगमेंटों में नियमित पूंजीगत खर्च पर 880 अरब रुपये का निवेश किए जाने की संभावना है। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2023ई/वित्त वर्ष 2024ई/वित्त वर्ष 2025ई के दौरान 1.4/1.3/1.4 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का अनुमान है।
हाल में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने जर्मन रिटेलर मेट्रो एजी के भारतीय व्यवसाय का 2,850 करोड़ रुपये में RIL द्वारा अधिग्रहण के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है।