पिछले दो कारोबारी सत्रों के दौरान प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में सर्वाधिक ऊंचे स्तरों के आसपास पहुंचने से पहले कुछ सुस्ती के संकेत दिखे हैं। दोनों सूचकांक हाल में दर्ज की गई नई ऊंचाइयों से करीब 1 प्रतिशत नीचे हैं। इससे इस अनिश्चितता को बढ़ावा मिला है कि बाजार अगला नया ऊंचा स्तर बना पाएंगे या नहीं।
इस साल मार्च के अंत से आए सुधार के बाद प्रमुख सूचकांकों में मौजूदा तेजी का रुझान बना है, जिससे बाजार धारणा लगातार मजबूत बनी हुई है। दोनों सूचकांक चालू वर्ष के शुरू से लेकर अब तक करीब 2 प्रतिशत चढ़ चुके हैं।
निफ्टी-500 सूचकांक के करीब दो-तिहाई या करीब 325 शेयर 200-दिन के मूविंग एवरेज (डीएमए) से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। टेक्नीकल तौर पर विश्लेषण से संकेत मिलता है कि 200-डीएमए से ऊपर कारोबार करने वाले शेयरों को तेजी से अच्छा माना जाता है और यह रुझान आगे भी बना रह सकता है।
इसके अलावा, निफ्टी-50 में 39 शेयर 200-डीएमए से ऊपर कारोबार करने में सफल रहे हैं, जबकि सेंसेक्स के लिए, तीन शेयरों बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, और इन्फोसिस को छोड़कर सभी अन्य 27 शेयरों में तेजी का रुझान बना हुआ है। दोनों ही सूचकांकों पर तेजड़ियों की अच्छी पकड़ है।
अन्य प्रमुख सूचकांक है निफ्टी बैंक, जो बाद में नए ऐतिहासिक स्तर पर पहले ही पहुंच चुका है। इस सूचकांक के 12 शेयरों (फेडरल बैंक को छोड़कर) में से अन्य 11 शेयर 200-डीएमए से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, बाजार धारणा लगातार तेजड़ियों के पक्ष में बनी हुई है और हरेक छोटी गिरावट पर मध्यावधि नजरिये को ध्यान में रखते हुए लॉन्ग पोजीशन बनाई जा सकती हैं। निफ्टी-500 सूचकांक में, 20 प्रमुख शेयर कई बार नए सर्वाधिक ऊंचे स्तर बना चुके हैं, जबकि 14 शेयर 52 सप्ताह की नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। नए ऊंचे स्तर बनाने वालने शेयरों की संख्या बढ़ सकती है।
तेजी की धारणा के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचने वाले 20 शेयरों में मजबूती आ रही है। पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन, केपीआईटी टेक्नोलॉजीज और सीसीएल प्रोडक्ट्स के शेयरों में ‘हायर हाई, हायर लो’ पैटर्न दिखा है, वहीं बजाज ऑटो में ‘एसेंडिंग ट्रांयगल’ ब्रेकआउट हुआ है। इंडियन होटल्स में ‘फ्लैग पैटर्न’ जबकि सिनगेन इंटरनैशनल और नारायण ह्रदयालय में ‘रेक्टेंगुलर ब्रेकआउट’ हुआ है।
तकनीकी तौर पर, जब किसी शेयर में तेजी का रुझान बनता है तो रिलेटिव स्ट्रेंग्थ इंडेक्स (आरएसआई) और मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (एमएसीडी) जैसे संकेतक तेजी के संकेतों की पुष्टि करते हैं और निफ्टी-500 सूचकांक के ज्यादातर शेयरों में ऐसा देखने को मिला है।