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Sebi के नियम बदलते ही BSE का शेयर 16% उछला! क्या नए फैसले से मिलेगा और फायदा?

सेबी के प्रस्ताव के बाद नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इंडेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी गुरुवार से बदलकर सोमवार करने की योजना टाल दी है।

Last Updated- March 28, 2025 | 10:06 PM IST
BSE

बीएसई का शेयर शुक्रवार को 16 फीसदी चढ़ गया। यह छह महीने की सबसे बड़ी एकदिवसीय बढ़त है। बाजार नियामक सेबी के इस कदम के बाद बीएसई का शेयर चढ़ा, जिसमें नियामक ने डेरिवेटिव एक्सपायरी को सिर्फ दो दिन तक सीमित रखने की बात कही है। इससे इस एक्सचेंज को फायदा मिल सकता है।

सेबी के प्रस्ताव के बाद नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इंडेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी गुरुवार से बदलकर सोमवार करने की योजना टाल दी है। यह बदलाव 4 अप्रैल से लागू होना था। शुक्रवार को बीएसई का शेयर 5,438 रुपये पर बंद हुआ और उसे छह महीने के निचले स्तर से उबरने में मदद मिली। विश्लेषक एनएसई के फैसले के बाद बीएसई के आय अनुमान दोबारा बहाल कर रहे हैं। 

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अमित चंद्रा ने कहा, पिछले दो महीनों में बीएसई ने बाजार में खासी हिस्सेदारी हासिल की है। बीएसई में वॉल्यूम में बढ़ोतरी खुद के दम पर ज्यादा रही है क्योंकि कई प्रतिभागियों का रुझान सेंसेक्स के अनुबंधों की तरफ बढ़ा है। सप्ताह में कई एक्सपायरी का फायदा एनएसई को मिला। हालांकि अब ज्यादा की संख्या में ब्रोकर बीएसई पर आ रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में बीएसई पर ज्यादा हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडर आएंगे क्योंकि वह अपने बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी को विकसित कर रहा है।

ब्रोकरेज ने बताया कि बीएसई की बाजार हिस्सेदारी तिमाही आधार पर 13 फीसदी से बढ़कर 19 फीसदी हो गई है जबकि विकल्प प्रीमियम में तिमाही आधार पर 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

गुरुवार को सेबी ने हर एक्सचेंज के लिए इक्विटी डेरिवेटिव एक्सपायरी को मंगलवार या गुरुवार तक सीमित करने का प्रस्ताव रखा। बीएसई और एनएसई को इन दो दिनों में से किसी एक को चुनना होगा।

मौजूदा समय में बीएसई के एकल स्टॉक और इंडेक्स डेरिवेटिव अनुबंध मंगलवार को एक्सपायर होते हैं जबकि एनएसई पर गुरुवार को। एक्सचेंजों को किसी भी अनुबंध की एक्सपायरी या निपटान दिवस को संशोधित करने के लिए बाजार नियामक से मंजूरी के लिए भी बाध्य किया जा सकता है, जिसके अभाव में एक्सचेंजों ने पिछले एक साल में कई बार एक्सपायरी दिवस को अपनी पसंद के अनुसार बदला है।

सेबी का प्रस्ताव डेरिवेटिव ट्रेडिंग वॉल्यूम में उछाल के बीच आया है, खासकर एक्सपायरी के दिनों में इंडेक्स ऑप्शन में, जिससे जोखिम में इजाफे की चिंता बढ़ी है। 

इन चिंताओं के बाद सेबी ने हर एक्सचेंज में एक साप्ताहिक इंडेक्स एक्सपायरी सीमित करने के लिए कदम उठाया था, जिससे सप्ताह के दौरान कई इंडेक्स ऑप्शन अनुबंधों की कई एक्सपायरी की पहले का रुझान कम हो गया।

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि पूरे बाजार में समान एक्सपायरी से बाजार अवसंरचना संस्थानों और ब्रोकरों की प्रणालियों पर दबाव पड़ता क्योंकि वॉल्यूम एक ही दिन ज्यादा हो जाता और एक्सचेंजों के बीच प्रतिस्पर्धा पर भी असर पड़ता। 

सेबी के इस कदम से नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज (एमएसई) जैसे नए डेरिवेटिव इच्छुकों के लिए मुश्किलें खड़ी होने की आशंका है।

सूत्रों ने बताया कि बाजार नियामक इन एक्सचेंजों को विविधा वाली कारोबारी योजना अपनाने के लिए कह रहा है और यह भी कि उन्हें केवल साप्ताहिक सूचकांक विकल्प शुरू करने पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए।

First Published - March 28, 2025 | 10:06 PM IST

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