शेयर बाजार

बाजारों में तीन हफ्ते की सबसे बड़ी गिरावट! हाईएस्ट लेवल से सेंसेक्स और निफ्टी 7% तो मिड और स्मॉलकैप 8% नीचे

सेंसेक्स ने 931 अंकों की गिरावट के साथ 80,221 पर कारोबार की समाप्ति की जबकि निफ्टी 309 अंकों की फिसलन के साथ 24,472 पर टिका।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- October 22, 2024 | 9:22 PM IST

बेंचमार्क सूचकांकों ने मंगलवार को तीन हफ्ते की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की इसकी वजह विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली रही। साथ ही, आय के मोर्चे पर निराशा का भी निवेश के मनोबल पर असर पड़ा। सेंसेक्स ने 931 अंकों की गिरावट के साथ 80,221 पर कारोबार की समाप्ति की जबकि निफ्टी 309 अंकों की फिसलन के साथ 24,472 पर टिका।

दोनों सूचकांकों ने 3 अक्टूबर, 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 2.6 फीसदी व 3.9 फीसदी की गिरावट आई।

27 सितंबर, 2024 के सर्वोच्च स्तर से सेंसेक्स अब 6.7 फीसदी नीचे है जबकि निफ्टी 7 फीसदी। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने-अपने उच्चस्तर से 8 फीसदी गिर गए हैं। इस बीच भारत का बाजार पूंजीकरण अपने सर्वोच्च स्तर से 9.2 लाख करोड़ रुपये घटकर 444 लाख करोड़ रुपये (5.3 लाख करोड़ डॉलर) रह गया है।

शेयर बाजार में गिरावट की वजह ?

यह गिरावट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की रिकॉर्ड निकासी के बीच देखने को मिली है। इस महीने उन्होंने अब तक देसी बाजार से करीब 10 अरब डॉलर (82,845 करोड़ रुपये) निकाले हैं। इस फंड का बड़ा हिस्सा अब भारत से चीन की ओर जाता दिख रहा है जहां सरकार ने अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को सहारा देने के लिए कई कदमों की घोषणा की है। चीन के बाजार भारत के मुकाबले भारी छूट पर ट्रेड कर रहे हैं।

सितंबर तिमाही में बड़ी कंपनियों की आय में सुस्त वृद्धि और मांग के अनिश्चित परिदृश्य ने भारतीय शेयरों के ऊंचे भावों को डगमग बना दिया है। विश्लेषकों ने कहा कि जब तक आय ढुलमुल बनी रहती है और एफपीआई की बिकवाली जारी रहती है, बाजार में सतत रिकवरी मुश्किल होगी।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि दूसरी तिमाही की आय में नरमी के संकेत मिले हैं जिससे मनोबल पर असर पड़ा है। हमें लगता है कि बाजार में दबाव जारी रहेगा। हालांकि निवेशक अच्छे शेयरों की खरीद के लिए गिरावट में खरीद की रणनीति अपना सकते हैं।

अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर सुस्त परिदृश्य ने भी निवेशकों की चिंता में इजाफा किया है। निवेशकों ने फेड की दर कटौती पर उस समय अपना दांव घटा दिया जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी ने दरों में धीमी कटौती का संकेत दिया। कर कटौती और ट्रेड टैरिफ घटाने का वादा करने वाले ट्रंप अगर जीत जाते हैं तो उससे पड़ने वाले असर को लेकर भी निवेशक चिंतित हैं।

आने वाले समय में आय का बाकी सीजन और एफपीआई का निवेश बाजारों की दिशा तय करेगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्र ने कहा कि परिदृश्य बताता है कि और गिरावट आएगी, खास तौर से मिड और स्मॉलकैप में। इंडेक्स के समर्थन का अगला अहम स्तर करीब 24,000 है और अगर सुधार होता है तो संभावित प्रतिरोध 24,700 व 25,000 के बीच होगा।

बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 3,430 शेयर गिरे जबकि सिर्फ 557 में इजाफा हुआ। एक को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर गिरे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.8 फीसदी की गिरावट आई और सेंसेक्स की गिरावट में उसका सबसे ज्यादा योगदान रहा।

First Published : October 22, 2024 | 8:58 PM IST