शेयर बाजार

Balkrishna Industries Stocks: दिग्गज टायर कंपनियां निगेटिव में, मगर इस कंपनी के शेयरों ने 3 महीने में दिया 43 फीसदी रिटर्न

ऑफ-हाईवे टायर निर्यात करने वाली Balkrishna Industries ने पिछले तीन महीनों में 43 फीसदी रिटर्न, जबकि MRF और Apollo Tyres ने निगेटिव रिटर्न दर्ज किया है।

Published by
राम प्रसाद साहू   
Last Updated- June 19, 2024 | 9:46 AM IST

Balkrishna Industries Share: पिछले तीन महीनों में बड़े लिस्टेड डेमोस्टिक मार्केट में फोकस करने वाले टायर मैन्युफैक्चरर्स ने बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है, वहीं टायर निर्यातक कंपनी बालकृष्ण इंडस्ट्रीज ने इस दौरान शानदार बढ़त दर्ज की। ऑफ-हाईवे टायर निर्यात करने वाली इस कंपनी ने पिछले तीन महीनों में 43 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि MRF और अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) ने 5-10 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दर्ज किया है। मार्च तिमाही में बेहतर परफॉर्मेंस, निर्यात में मजबूत वृद्धि और बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि ने इस विशेष टायर मैन्युफैक्चरर को अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों से आगे निकालने में मदद की है।

टायर कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन के कारणों की ओर इशारा करते हुए, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities ) के ऋषि वोरा और प्रवीण पोरेड्डी का कहना है कि MRF, सिएट (Ceat) और Apollo Tyres ने उम्मीदों से कमजोर तिमाही नतीजे दर्ज किए हैं, जिसकी वजह कमर्शियल वाहन रीप्लेसमेंट सेगमेंट में कमजोर मांग और एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (EPR) संबंधी जरूरते हैं। यह नीति टायर मैन्युफैक्चरर्स को उत्पादों के पर्यावरणीय प्रभाव के लिए जवाबदेह बनाती है, जिससे प्रारंभिक उत्पादन से लेकर टायरों के उचित निपटान तक की जिम्मेदारी होती है।

Apollo और CEAT ने किया कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान

अपोलो और सिएट ने EPR के साथ-साथ कच्चे माल से संबंधित दायित्वों की भरपाई के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। हालांकि MRF ने किसी बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की है। बाजार इसकी निगरानी करेगा।

इसके विपरीत, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज ने एक मजबूत तिमाही दर्ज की है, जिसमें मजबूत वॉल्यूम ग्रोथ, बेहतर प्रोडक्ट मिक्स, सख्त लागत नियंत्रण और अनुकूल विदेशी करेंसी शामिल हैं।

कैसी रही कंपनी की फाइनेंशिय़ल परफॉर्मेंस

82,085 टन की वॉल्यूम ग्रोथ पर सवार होकर, कंपनी ने तिमाही के लिए 2,673 करोड़ रुपये की स्टैंडअलोन नेट बिक्री (standalone net sales) में 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 24 की जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY24) में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 24.9 फीसदी था, जो सालाना आधार पर (YoY) 460 बेसिस पॉइंट्स और तिमाही आधार पर (QoQ) 125 बेसिस पॉइंट्स बढ़ा। बेहतर वॉल्यूम ग्रोथ, मार्जिन विस्तार और उच्च अन्य आय (higher other income) के कारण नेट मुनाफा (net profit) 481 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 88 फीसदी और QoQ 56 फीसदी बढ़ा।

क्या करती है Balkrishna Industries

कंपनी के टायर कृषि, माइनिंग और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में उपयोग होते हैं। इसकी बाजार हिस्सेदारी 5-6 फीसदी है और कंपनी की योजना इसे 10 फीसदी तक ले जाने की योजना है। डाइवर्सिफिकेशन पहलों के अलावा, गैर-कृषि टायर सेगमेंट (non-farm tyre segments) में बेहतर पैठ बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद कर सकती है।

जहां, पिछले दो सालों में वॉल्यूम 3 लाख टन से कम रहा, Q4 में कुछ सुधार देखने को मिले। हालांकि, कंपनी भू-राजनीतिक जोखिमों (geo-political risks) को देखते हुए एंड यूजर डिमांड पर सतर्क है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने FY24-26 के दौरान सालाना बिक्री वॉल्यूम ग्रोथ को 9.4 फीसदी अनुमानित किया है, जो FY26 तक 3.5 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है।

एनालिस्ट की क्या राय

शशांक कनोड़िया और मनीषा केसरी का कहना है कि बालकृष्ण अन्य टायर कंपनियों के मुकाबले बेहतर मार्जिन, रिटर्न रेश्यो प्रोफाइल और मजबूत बैलेंस शीट के कारण सबसे अलग है। हालांकि, ब्रोकरेज ने पिछले एक महीने में स्टॉक की कीमत में लगभग 25 फीसदी की वृद्धि के कारण स्टॉक पर ‘होल्ड’ रेटिंग दी है।

शेयर बाजार कच्चे माल की लागत की निगरानी करेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्राकृतिक रबर की कीमतें (स्पॉट) Q3FY24 एवरेज लेवल से 16-21 फीसदी बढ़ गई हैं, जो लगातार सप्लाई संबंधी चिंताओं और प्रमुख रबर उत्पादक देशों में प्रतिकूल मौसम संबंधी चिंताओं की वजह से हो रही हैं। अगर ये कीमतें मौजूदा लेवल पर बनी रहती हैं, तो ब्रोकरेज टायर कंपनियों के लिए 300 बेसिस पॉइंट्स मार्जिन में गिरावट की उम्मीद करता है।

कीनोट रिसर्च (Keynote Research ) बालकृष्ण की संभावनाओं पर पॉजिटिव है और इसे 2,995 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ न्यूट्रल रेटिंग दी है। ब्रोकरेज के चिराग मारू का मानना है कि कंपनी कच्चे माल और माल भाड़े की बढ़ती लागत को ग्राहकों तक पहुंचाने में सक्षम होगी, जिससे प्रति किलोग्राम स्थिर परिचालन लाभ (stable operating profit ) रहेगा।

First Published : June 19, 2024 | 9:46 AM IST