ITC की सही परिसंपत्ति (ऐसेट राइट) की रणनीति को कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी ने शुक्रवार को आयोजित सालाना आम बैठक (एजीएम) में दोहराया। विश्लेषकों की इसकी सराहना की है। उनका हालांकि मानना है कि शेयर के एकीकरण से बाहर निकलने के लिए जरूरी है आय में स्थिर बढ़ोतरी और अलग हुए होटल कारोबार से मिलने वाली कामयाबी।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने कहा, अल्पावधि में यह शेयर 420 से 450 के स्तर पर एकीकृत हो सकता है। हालांकि आय में स्पष्टता और एफएमसीजी, होटल, पेपर और तंबाकू कारोबार का राजस्व में ठीक-ठाक योगदान से यह शेयर आगे बढ़ना शुरू करेगा। आईटीसी लंबी अवधि का दांव बना हुआ है।
एजीएम में पुरी ने शेयरधारकों से कहा कि अभी एफएमसीजी वर्टिकल में 25 से ज्यादा ब्रांड हैं, सालाना उपभोक्ता खर्च करीब 29,000 करोड़ रुपये है और जहां तक हम पहुंच सकते हैं वह बाजार 5 लाख करोड़ रुपये का है।
इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में हलचल होटल कारोबार के लिए अच्छा है, वहीं कर की स्थिर नीति के बीच नए ब्रांड की पेशकश सिगरेट कारोबार में इजाफा करेगा। बीएसई पर आईटीसी का शेयर शुक्रवार को कारोबार के दौरान 1.4 फीसदी गिरकर 445 रुपये पर आ गया, लेकिन अंत में 0.61 फीसदी की नरमी के साथ 448.70 रुपये पर बंद हुआ। इसकी तुलना में बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 0.56 फीसदी की गिरावट के साथ 65,322.65 पर बंद हुआ।
यह शेयर 24 जुलाई, 2023 के रिकॉर्ड स्तर 499.6 रुपये से करीब 10 फीसदी नीचे आया है क्योंकि निवेशकों ने होटल कारोबार अलग करने की घोषणा के बाद मुनाफावसूली की। इसकी तुलना में इस दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स में 1 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स 2 फीसदी फिसला है। पिछले दो साल में हालांकि यह शेयर 113 फीसदी चढ़ा है और निवेशकों की संपत्ति दोगुनी कर दी है। इस बीच, बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स इस अवधि में 37.5 फीसदी उछला है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, अन्य एफएमसीजी कंपनियों के मुकाबले आईटीसी को सिगरेट कारोबार में स्थिर बढ़ोतरी का फायदा मिला है, जो उसके कुल राजस्व में 45 फीसदी से ज्यादा का योगदान करता है। एबिटा मार्जिन में एफएमसीजी कारोबार का योगदान करीब 10-15 फीसदी है जबकि सिगरेट कारोबार करीब 50 फीसदी का योगदान कर रहा है। ऐसे में जितनी लंबी अवधि तक तंबाकू कारोबार में बढ़त जारी रहेगी, इस शेयर का उम्दा प्रदर्शन जारी रहेगा।
वित्त वर्ष 22-23 की मार्च तिमाही में आईटीसी का सिगरेट वॉल्यूम सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़ा जबकि 5 साल की सालाना चक्रवृद्धि रफ्तार 5 फीसदी रही। इस सेगमेंट से राजस्व सालाना आधार पर 13 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6,247.7 करोड़ रुपये रहा जबकि पीबीआईटी सालाना आधार पर 14 फीसदी के इजाफे के साथ 4,689.1 करोड़ रुपये रहा। इसका मुनाफा मार्जिन 75.1 फीसदी रहा।
आईटीसी जून तिमाही के नतीजे 14 अगस्त को घोषित करने वाली है।