लगातार 17 तिमाहियों तक बिकवाली के बाद, भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ETF) को अब लगातार तीन तिमाहियों में शुद्ध पूंजी प्रवाह (net inflow) हासिल हुआ है। इससे भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों के सकारात्मक रुख का संकेत मिल रहा है।
मॉर्निंगस्टार ऑफशोर फंड स्पाई की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछली तीन तिमाहियों (अक्टूबर 2022 और मार्च 2023 के बीच) में, ऑफशोर फंडों और ETF ने 1.8 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया।
विश्लेषकों ने इसके लिए भारतीय बाजार के मूल्यांकन में सुधार और मजबूत बुनियादी आधार के प्रति विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के सकारात्मक रुख को जिम्मेदार माना है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘FPI की नीति में बड़ा बदलाव भारत के प्रति सकारात्मक रुझान का स्पष्ट संकेत है। हाल में, FPI महंगे मूल्यांकन और चीन द्वारा पैदा किए गए अवसरों तथा दक्षिण कोरिया, हांगकांग और ताइवान में अपेक्षाकृत कम मूल्यांकन की वजह से भारत में लगातार बिकवाल बने हुए थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं और भारत फिर से FPI के लिए पसंदीदा बाजार बन गया है।’
मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-केंद्रित ऑफशोर ईटीएफ (offshore ETFs) में पूंजी प्रवाह ऐसे समय में मजबूत बना हुआ है, जब भारतीय इक्विटी बाजार को वित्त वर्ष 2023 की आखिरी तिमाही में ज्यादातर समय दबाव का सामना करना पड़ा। इसके अलावा अदाणी समूह कंपनियों की राह में पैदा हुईं चुनौतियों से भी बाजार को झटका लगा, जिससे भारतीय इक्विटी बाजारों में बड़ी गिरावट को बढ़ावा मिला।
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ETF के बाद, आईशेयर्स एमएससीआई इंडिया ईटीएफ (iShares MSCI India ETF) को करीब 22.7 करोड़ डॉलर का सर्वाधिक शुद्ध पूंजी प्रवाह मिला।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑफशोर फंडों और ईटीएफ का प्रदर्शन दीर्घावधि में काफी हद तक मिश्रित रहा है।