इस कारोबारी साल में सेंसेक्स 19.68 फीसदी चढ़ गया है और 8 जनवरी के अपने उच्चतम स्तर से 25 फीसदी की गिरावट के बावजूद रिटर्न के मामले में यह पिछले चार साल में दूसरा सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला साल रहा है।
साल 2006-07 में सेंसेक्स ने 15.89 फीसदी की बढ़त हासिल की थी जबकि 2005-06 में 74 फीसदी की बढ़त रही थी सेंसेक्स में। 2004-05 में यह बढ़त 16.14 फीसदी की रही। इंडेक्स की बात करें तो इस साल स्माल कैप इंडेक्स 21 फीसदी चढ़ा जबकि मिडकैप में 19 फीसदी की तेजी देखी गई।इस साल की चौथी तिमाही में सेंसेक्स में 23 फीसदी की रिकार्ड गिरावट आने के बावजूद घरेलू बाजार ने रिटर्न के मामले में अमेरिका, चीन, जापान, हांगकांग, द.कोरिया, जमर्नी और सिंगापुर के बाजारों से बेहतर कारोबार किया।
इस दौरान अमेरिका का डाउ जोंस (-1.12 फीसदी), नैस्डैक कंपोसिट (-6.6 फीसदी), निक्केइ (-26 फीसदी) और जर्मनी के डीएएक्स में 5 फीसदी की गिरावट रही जबकि हांगसेंग 18 फीसदी, स्योल 17 फीसदी और शंघाई कंपोसिट 12 फीसदी मजबूत होकर बंद हुआ है। सेक्टरों की बात की जाए तो सेंसेक्स में मेटल, पावर, ऑयल ऐंड गैस और कैपिटल गुड्स में 50-50 फीसदी की तेजी देखी गई।
ऑयल ऐंड गैस ही अकेला ऐसा सेक्टर रहा जिसने पिछले तीन सालों में लगातार 25 फीसदी से ज्यादा बढ़त ली है। मेटल इंडेक्स इस बार का हीरो रहा जिसने 65 फीसदी की बढ़त हासिल की, जबकि पावर ने 61, तेल और गैस ने 56, कैपिटल गुड्स ने 54, रियालिटी ने 34 और एफएमजीसी ने 32 फीसदी की बढ़त हासिल की। जिन सेक्टरों में गिरावट का माहौल बना उनमें आईटी में 28 फीसदी, और ऑटो में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा इस साल कंज्यूमर डयूरेबल्स में 9 फीसदी और हेल्थकेयर में 5 फीसदी की तेजी रही। शेयरों की बात करें तो आईटी सेक्टर के चार बढ़े स्तंभ इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और सत्यम में रुपए की मजबूती के चलते 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई। टाटा मोटर्स और महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा में 11-11 फीसदी की गिरावट आ गई जबकि आईसीआईसीआई बैंक 10 फीसदी और सिपला 7 फीसदी कमजोर पडे हैं।
इंडेक्स में केवल दो स्टॉक ऐसे थे जो इस साल दोगुने हो गए हैं। रिलायंस एनर्जी 153 फीसदी चढ़ गया जबकि जयप्रकाश एसोसिएट्स 110 फीसदी चढ़कर बंद हुआ जबकि एल ऐंड टी, बीएचईएल. टाटा स्टील, स्टेट बैंक, एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज 50-50 फीसदी तक की मजबूती पा गए।