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T+0 Settlement: टी+O लागू करने के लिए स्टॉक ब्रोकरों को मिली राहत

सेबी ने टी+0 निपटान प्रणाली की समयसीमा बढ़ाई और केआरए सेवाओं को बंद करने का प्रस्ताव रखा

Last Updated- April 29, 2025 | 11:14 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को बड़े ब्रोकरों के लिए वैकल्पिक टी+0 निपटान चक्र के लिए आवश्यक प्रणालियां स्थापित करने की समयसीमा बढ़ा दी। दिसंबर 2024 में जारी पहले के निर्देश में नियामक ने योग्य स्टॉक ब्रोकरों (क्यूएसबी) के अनुपालन के लिए 1 मई, 2025 की समयसीमा निर्धारित की थी। इसे अब 1 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।

बड़ी संख्या में ग्राहकों को सेवा देने वाले क्यूएसबी या ब्रोकरों के पास अब टी+0 में निवेशकों की सहभागिता के लिए विस्तारित समय होगा, जिसे टी+1 निपटान के समानांतर मार्च 2024 में एक वैकल्पिक तंत्र के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, इस सेगमेंट में भागीदारी बहुत कम रही है। सेबी ने कहा कि यह विस्तार क्यूएसबी और स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी जैसे मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस से प्राप्त फीडबैक पर आधारित था।

केआरए की सेवाएं व्यवस्थित रूप से बंद करने का प्रस्ताव

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) के महत्वपूर्ण संचालन और सेवाओं को व्यवस्थित रूप से बंद करने के लिए एक मसौदे का प्रस्ताव रखा। इस रूपरेखा का मकसद केआरए सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना और दिवालियापन, समाप्ति या नियामक की कार्रवाई के मामलों में नामित उत्तराधिकारी इकाई को परिचालन का सुचारू रूप से हस्तांतरण सुनिश्चित करके निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।

परामर्श पत्र में सेबी ने इस बात पर जोर दिया कि ढांचे में निर्बाध सेवाएं, निवेशक के केवाईसी डेटा की सुरक्षा और वैधानिक और सांविधिक दायित्वों को पूरा करने की गारंटी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसे उत्तराधिकारी इकाई में निर्बाध संक्रमण की सुविधा भी प्रदान करनी चाहिए।

First Published - April 29, 2025 | 11:14 PM IST

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