सेबी ने विदेशी संस्थागत निवेशकों(एफआईआई) और उनके सब एकाउंट्स के पंजीकरण के नियमों में कुछ ढील दे दी है।
इतना ही नहीं बल्कि सेबी ने अप्रवासी भारतीयों (एनआर-आई) की प्रमोटेड असेट मैनेजमेंट कंपनियों को एफआईआई का दर्जा देने का भी फैसला किया है, बशर्ते ये कंपनियां प्रोप्राइटरी फंडों में निवेश न करें।
इसके तहत जो भी निवेश प्रबंधक,सलाहकार या फिर संस्थागत पोर्टफोलियो प्रबंधक एनआरआई की श्रेणी में आते हैं उन्हे भी यह सुविधा मिलेगी। इस ढील के अलावा एफआईआई को सामूहिक निवेश योजनाओं में भी निवेश करने की छूट मिली है। मालूम हो कि सामूहिक निवेश योजनाओं में कोई अकेला निवेशक या फिर संस्थागत मिलकर विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकते हैं।
सेबी के मुताबिक किसी भी कंपनी को सब अकाउंट का दर्जा तभी मिलेगा जब वह विदेश में लिस्टेड हो और उसकी संपत्ति कम से कम दो अरब डॉलर हो। इसके अलावा उनका कम से कम तीन साल तक 5 ककरोड़ डॉलर के मुनाफे का ट्रैक रिकार्ड होना चाहिए और जो भारत के नागरिक नहीं हैं और सब अकाउंट का दर्जा चाहते हैं उनकी नेटवर्थ भी पांच करोड़ डॉलर होनी चाहिए। इसके अलावा सेबी ने एफआर्ईआई और सब अकाउंट के पंजीकरण के फार्म को भी सरल किया है।