सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों और कुछ अन्य संस्थाओं को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन (RPT) नियमों के उल्लंघन के आरोपों से फ्री कर दिया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप के खिलाफ दो अन्य गंभीर आरोपों की जांच अभी भी जारी है। इनमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग (NPS) और इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के मामले शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि इन दोनों जांच को पूरा कर लिया गया है, लेकिन अंतिम आदेश आने में अभी समय लग सकता है। एक सूत्र ने कहा, “इन मामलों को अलग-अलग विभाग देख रहे हैं।” SEBI और अदाणी ग्रुप को भेजे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिला।
गुरुवार को SEBI ने दो आदेश जारी किए, जिनमें हिंडनबर्ग रिसर्च के RPT उल्लंघन के आरोपों को खारिज कर दिया गया। SEBI ने कहा कि अडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी गैर-समूह संस्थाओं के लेनदेन RPT की श्रेणी में नहीं आते। SEBI के मुताबिक, संबंधित पक्षों द्वारा असंबंधित मध्यस्थों के जरिए किए गए लेनदेन को पुराने लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR) नियमों के तहत RPT नहीं माना जा सकता।
Also Read | JSW Energy ₹1,728 करोड़ में टिडोंग पावर प्रोजक्ट को खरीदेगी, 150 मेगावॉट बिजली का होगा उत्पादन
SEBI ने यह भी स्पष्ट किया कि मार्च 2024 में जारी शो-कॉज नोटिस में लगाए गए LODR और फ्रॉडुलेंट ट्रेड प्रैक्टिस नियमों के उल्लंघन के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं मिली। यह जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू की गई थी। अगस्त 2023 में SEBI ने कोर्ट को बताया था कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ 24 में से 22 जांच पूरी हो चुकी हैं। बाकी दो मामले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से जुड़े हैं, जिनमें विदेशी नियामकों और एजेंसियों से जानकारी जुटाने की जरूरत है।