facebookmetapixel
UP: कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना उत्तर प्रदेश का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टेMCap: बाजाज फाइनेंस की मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त, 8 कंपनियों का कुल मूल्य ₹1.69 ट्रिलियन बढ़ाMarket Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचलPower of ₹10,000 SIP: बाजार के पीक पर जिसने शुरू किया, वही बना ज्यादा अमीर!थाईलैंड में बढ़ा निवेशकों का भरोसा, इंडोनेशिया से तेजी से निकल रही पूंजी15 सितंबर को वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट देगा अंतरिम आदेशAmazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?Adani Group की यह कंपनी बिहार में करेगी $3 अरब का निवेश, सोमवार को शेयरों पर रखें नजर!Stock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदा; जानें रिकॉर्ड डेटCBIC ने कारोबारियों को दी राहत, बिक्री के बाद छूट पर नहीं करनी होगी ITC वापसी; जारी किया नया सर्कुलर

SAT ने SEBI के आदेश के खिलाफ सुभाष चंद्रा, पुनीत गोयनका को अंतरिम राहत देने से किया इनकार

बाजार नियामक ने चंद्रा और गोयनका पर यह कार्रवाई जेडईईएल के पैसे दूसरी जगह भेजने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद की।

Last Updated- June 16, 2023 | 2:07 PM IST
SEBI

प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका को SEBI के आदेश के खिलाफ कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोमवार को चंद्रा और समूह की कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जेडईईएल) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या किसी प्रमुख प्रबंधकीय पद लेने की रोक लगा दी थी।

बाजार नियामक ने चंद्रा और गोयनका पर यह कार्रवाई जेडईईएल के पैसे दूसरी जगह भेजने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद की। सैट ने चंद्रा और गोयनका की अपील पर सुनवाई करते हुए SEBI को 48 घंटे के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। SAT मामले की अगली सुनवाई 19 जून को करेगा।

न्यायाधिकरण ने गुरुवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘हमें लगता है कि इस स्तर पर एक अंतरिम आदेश पारित करने का अर्थ वास्तव में अपील को स्वीकार करना होगा।’ सूत्रों ने कहा कि चंद्रा और गोयनका की याचिका के अनुसार उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया था और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया।

First Published - June 16, 2023 | 2:07 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट