प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने शुक्रवार को ट्रैफिकसोल आईटीएस टेक्नोलॉजिज के खिलाफ बाजार नियामक सेबी के आदेश को सही ठहराया। दिसंबर में बाजार नियामक ने ट्रैफिकसोल को उन निवेशकों को रकम लौटाने का निर्देश दिया था जिन्हें आईपीओ के तहत शेयर आवंटित किए गए थे। ट्रैफिकसोल का 45 करोड़ रुपये का आईपीओ बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सितंबर 2024 में सूचीबद्ध होने वाला था। लेकिन आईपीओ में मिली रकम के इस्तेमाल और गलत खुलासों की शिकायतों के बाद इसे रोक दिया गया था। इस इश्यू को करीब 345 गुना आवेदन मिले थे। अक्टूबर 2024 में सेबी ने आदेश जारी किया था जिसके बाद इस मामले की विस्तृत जांच हुई।
दिसंबर के आदेश में सेबी ने थर्ड पार्टी वेंडर की संदिग्ध प्रकृति की ओर संकेत दिया था, जिससे ट्रैफिकसोल अपने आईपीओ की करीब 40 फीसदी रकम के जरिए सॉफ्टवेयर खरीदने जा रही थी। सेबी ने कहा कि थर्ड पार्टी वेंडर मुखौटा इकाई थी और आरोप लगाया कि कंपनी ने तब इस पर पर्दा डालने की कोशिश की जब वेंडर की जांच की गई। सेबी की शुरुआती जांच में पाया गया कि थर्ड पार्टी वेंडर ने तीन साल से ज्यादा समय से कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास वित्तीय विवरण जमा नहीं कराया था और पिछले साल उसने कोई राजस्व अर्जित नहीं किया था जिसका वित्तीय विवरण जमा कराया गया था।
इसके अलावा वेंडर के पिछले तीन साल के वित्तीय विवरण पर सूचीबद्धता से कुछ दिन पहले एक ही दिन हस्ताक्षर किए गए थे। वेंडर का पंजीकृत कार्यालय भी बंद था और उसका जीएसटी रिटर्न खुलासा किए गए कारोबार से मेल नहीं खा सका।