facebookmetapixel
बांग्लादेश की पूर्व पीएम Sheikh Hasina को मौत की सजा, कोर्ट ने तख्तापलट के दौरान लोगों की हत्या का दोषी मानाLIC की इस योजना के जरिए महिलाएं घर बैठे कर सकती हैं कमाई, हर महीने मिलेंगे ₹7000Tata Stock में बड़ी गिरावट का अलर्ट! Q2 नतीजों के बाद ब्रोकरेज ने दी SELL की सलाह, जानें वजहSBI ने बनाया इतिहास! ₹9 ट्रिलियन क्लब में एंट्री; ब्रोकरेज बोले- ₹1120 तक जाएगा भाव!रूस के ट्रेड पार्टनर्स पर US लगा सकता है 500% टैरिफ, नए बिल को ट्रंप का समर्थन; भारत पर क्या होगा असर?23% गिर सकता है टायर कंपनी का शेयर, Q2 नतीजों के बाद मोतीलाल ओसवाल की बेचने की सलाहआपका Aadhaar Card कब और कहां हुआ इस्तेमाल? UIDAI की इस ट्रिक से मिनटों में चेक करें पूरी हिस्ट्रीबाजार खुलते ही 10% चढ़ गया ड्रोन कंपनी का शेयर, ₹107 करोड़ के आर्डर से निवेशकों में खरीदने की होड़Saudi Arabia bus accident: मदीना में दर्दनाक बस हादसा! कई भारतीयों के मारे जाने की आशंका; विदेश मंत्री ने जारी किया बयानभारत करेगा पहली बार US से LPG आयात! 2026 की 10% जरूरत एक ही डील में पूरी

रुपये में उतारचढ़ाव जारी रहने की संभावना

Last Updated- December 12, 2022 | 1:07 AM IST

थोड़ी बढ़त के बाद भारतीय रुपया एक बार फिर डॉलर के मुकाबले 74 की ओर बढ़ रहा है, जो बताता है कि फेडरल रिजर्व की तरफ से पैकेज बंद करने की खबर और कोविड के डेल्टा संस्करण को लेकर जोखिम के बीच रुपये में उतारचढ़ाव जारी रहेगा।
अगस्त के आखिरी हफ्ते में रुपया लगातार चढ़ा था और 31 अगस्त को यह डॉलर के मुकाबले 73 पर पहुंच गया था, जो 26 अगस्त को 74.2 पर था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जे. पॉवेल ने संकेत दिया था कि वह दरें बढ़ाने की हड़बड़ी में नहीं हैं, इसके बाद रुपये मेंं सुधार आया था।

पॉवेल के भाषण के पहले भी रुपया चढ़ रहा था क्योंकि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम की बाढ़ के चलते काफी डॉलर आ रहे थे। आरबीआई ऐसे डॉलर को संचय नहीं करना चाहता था क्योंकि फेड चेयरमैन के भाषम के बाद उसे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से राहत पैकेज बंद करने का डर था।
केंद्रीय बैंक अब इस डॉलर को एक बार फिर समेटना शुरू कर चुका है, यह कहना है करेंसी डीलरों का। इससे बढ़त का फायदा जाता रहा है जबकि डॉलर ने मजबूती दिखानी शुरू कर दी और अमेरिकी प्रतिफल डेल्टा संस्करण के कारण सुरक्षित ठिकाने की वजह से बढ़त की राह पर है।

इन वजहों से विनिमय दर मेंं कारोबारी सत्र के दौरान उतारचढ़ाव रहा, लेकिन डीलरों का कहना है कि एकतरफा बढ़त की संभावना खारिज कर दी गई है। गुरुवार को रुपया 73.49-73.45 पर कारोबार कर रहा था और 73.51 पर बंद हुआ। डीलरों ने कहा, कारोबारी सत्र के दौरान ऐसा उतारचढ़ाव आगामी सत्रों में भी देखा जा सकता है, लेकिन यह चिंता का विषय शायद ही होगा। निकासी का जुड़ाव वेदांत की तरफ से दिए गए लाभांश से भी है और यह उतारचढ़ाव के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार है। हालांकि इसे लेकर चिंता है कि क्या रुपये में जुलाई-अगस्त 2013 की तरह अचानक गिरावट देखने को मिलेगी।
आईएफए ग्लोबल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, रुपये पर असर के लिहाज से हमारा मानना है कि फेड राहत पैकेज को लेकर कदम साल 2013 की तरह अवरोधकारी नहीं होगा।। भारत की बाह्य स्थिति अभी काफी मजबूत है। भारत अब पांच क्षणभंगुर देशों में शामिल नहीं है।

अभी करेंसी के परामर्शक आयातक व निर्यातक को सलाह दे रहे हैं कि वे अपनी पोजीशन को कवर करें। मैकलाई फाइनैंशियल ने अपने क्लाइंटों को सलाह दी है कि आयात भुगतान एक या दो महीने में पूरी तरह कवर किया जाना चाहिए और 73.50 के नीचे 2-3 महीने के लिए इसका कवर होना चाहिए। रिसिवेबल को मौजूदा स्तर पर छह महीने के लिए कवर किया जाना चाहिए। ऐसे में रुपये को लेकर अभी कोई ठोस राय नहीं है।

First Published - September 12, 2021 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट