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डिपॉजिटरी भागीदारों के लिए दुरुस्त होंगे कायदे, SEBI जल्द जारी करेगी SOP

उद्योग के साथ मशविरे के बाद तैयार एसओपी से सभी भागीदारों का कामकाज एक जैसा हो जाएगा और नियामक को किसी तरह की मध्यस्थता नहीं करनी पड़ेगी।

Last Updated- July 18, 2023 | 11:47 PM IST
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अधिकृत डिपॉजिटरी भागीदारों (डीडीपी) के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के खुलासे और उन्हें साथ लेने के कायदे तय किए जा रहे हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इन मामलों में डीडीपी के लिए काम करने की मानक प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने जा रहा है। ये भागीदार सेबी और विदेशी निवेशकों के बीच कड़ी का काम करते हैं।

उद्योग के साथ मशविरे के बाद तैयार एसओपी से सभी भागीदारों का कामकाज एक जैसा हो जाएगा और नियामक को किसी तरह की मध्यस्थता नहीं करनी पड़ेगी। यह पहल काफी अहम है क्योंकि कुछ एफपीआई को ध्यान में रखकर बनाए गए खुलासों के नए नियम जल्द ही लागू होने वाले हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे डीडीपी-शॉपिंग कम या बंद हो जाएगी। डीडीपी शॉपिंग बिल्कुल रेटिंग शॉपिंग जैसी होती है। जब ऋण पत्र जारी करने वाला संस्थान ऐसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को चुनता है, जो उसे सबसे फायदेमंद रेटिंग देती है तो इसे रेटिंग शॉपिंग कहा जाता है।

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सेबी के निदेशक मंडल ने उन एफपीआई के लिए खुलासों के नियम ज्यादा सख्त करने पर हाल ही में हामी भर दी, जिनका किसी एक कंपनी या समूह में बहुत अधिक निवेश है या भारत में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी हिस्सेदारी है। इन नियमों को अंतिम रूप देते समय ही एसओपी तैयार करने का विचार भी आया।

एफपीआई के लिए खुलासे के नए नियम तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में एक हालिया दस्तावेज में सेबी ने कहा, ‘कुछ लोगों ने अपनी टिप्पणी में सुझाया कि डीडीपी के बीच नियामकीय विवाद दूर करने के लिए मानक प्रक्रिया तैयार होनी चाहिए, जिसे सभी डीडीपी मानेंगे। उद्योग में एक जैसे कामकाजी तरीके सुनिश्चित करने के लिए सेबी ने डीडीपी के साथ एसओपी पर बातचीत शुरू भी कर दी है।’

एसओपी ट्रस्ट-बट-वेरिफाई (भरोसा कीजिए मगर जांच भी लीजिए) के सिद्धांत कर काम करेगी और इसका मकसद एफपीआई को निवेश की निर्धारित सीमा लांघने या खुलासे से जुड़ी शर्तें नजरअंदाज करने से रोकना है। मानक प्रक्रिया लागू होने के बाद एफपीआई के ऐसे मामले छिप नहीं पाएंगे और कठिन नियामकीय शर्तों की चुनौतियां खत्म करने में भी मदद मिलेगी।

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इस समय एफपीआई पूछताछ के बाद एक निश्चित समय सीमा में प्रतिक्रिया जानने के लिए अपनी सहूलियत, विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी, ग्राहकों के आकार के आधार पर संरक्षकों का चयन कर सकते हैं। वे चाहें तो डीडीपी की पहुंच के आधार पर भी संरक्षकों का चयन कर सकते हैं। कुछ एफपीआई अपने मौजूदा संबंधों के आधार पर डीडीपी के रूप में अपने गृह क्षेत्र के बैंकों के चयन को तरजीह दे रहे हैं।

First Published - July 18, 2023 | 11:36 PM IST

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