अमेरिकी वैश्विक इक्विटी निवेश कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स के सह-संस्थापक राजीव जैन द्वारा अदाणी समूह पर लगाए गए दांव ने दलाल पथ को चकित कर दिया है।
जैन को रक्षात्मक शेयरों और दमदार बैलेंस शीट वाली कंपनियों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है।
आस्ट्रेलियन फाइनैंशियल रिव्यू के साथ बातचीत में उन्होंने अदाणी समूह में किए गए अपने करीब 2 अरब डॉलर के निवेश के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह अदाणी समूह की कंपनियों पर पिछले पांच साल से नजर रखे हुए थे, लेकिन ये उचित कीमत पर अब उपलब्ध हो पाई हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च के सवाल पर, उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, ‘उनका अपना नजरिया है, और हमारा अपना और हमें उनके (हिंडनबर्ग) विचार से असहमत हैं।’
जैन ने स्पष्ट किया है कि वह हमेशा से अच्छी परिसंपत्तियों के गलत मूल्य निर्धारण का लाभ उठाने की संभावना देख रहे थे।
जैन ने भारतीय कंपनियों में अच्छी दिलचस्पी दिखाई है और चीन पर नकारात्मक बने हुए हैं। उन्होंने 92 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों के साथ निवेश क्षेत्र में एक भरोसेमंद नाम के तौर पर अपनी पहचान बनाई है।
कौन हैं राजीव जैन
जैन भारत में जन्मे और पले-बढ़े हैं। 1990 में, वे मियामी विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए थे। उन्होंने पोर्टफोलियो प्रबंधक के तौर पर 1994 में अपना करियर शुरू किया था। वर्ष 2026 में, जैन ने जीक्यूजी पार्टनर्स की स्थापना की और इसके चेयरमैन एवं सीआईओ की जिम्मेदारी संभाली।
आस्ट्रेलिया में सूचीबद्ध उनकी फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स को पत्रकारिता, निजी इक्विटी, हेज फंड समेत विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को नियुक्त करने के लिए जाना जाता है। अपनी स्वयं की फर्म शुरू करने से पहले उन्होंने स्विटजरलैंड की वोंटोबेल ऐसेट मैनेजमेंट में करीब दो दशक तक काम किया।