क्वांट म्युचुअल फंड की कुछ योजनाओं ने निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक से संभवतः अपना सारा निवेश निकाल लिया है जबकि कुछ ही महीने पहले उन्होंने इस बैंक में बड़ा निवेश किया था। जून के आखिर में उसकी ज्यादातर योजनाओं के दो अग्रणी निवेश में यह शेयर शामिल रहा लेकिन अब उसकी 10 शीर्ष योजनाओं में से किसी में भी इसका जिक्र नहीं है।
क्वांट फंड हाल के वर्षों में इक्विटी योजनाओं के प्रदर्शन के चार्ट में अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब रहा है और उसके ज्यादा भरोसे वाले दांव अच्छा कर रहे हैं। साल 2022 में उसकी योजनाओं ने अदाणी के शेयरों में तेजी की सवारी की। 2023 की शुरुआत में अदाणी शेयरों पर हिंडनबर्ग के हमले के बाद फंड ने अपना आवंटन रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो फाइनैंशियल में कर दिया। यह निवेश पिछले एक साल में उसकी योजनाओं के प्रदर्शन को आगे ले जाने में अहम साबित हुआ है।
हालांकि फंड हाउस का प्रदर्शन हाल के महीनों में अच्छा नहीं रहा है। प्रदर्शन में सुस्ती संयोग से फंड हाउस में फ्रंट रनिंग की संभावनाओं की नियामकीय जांच शुरू होने के साथ देखने को मिली है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी कंपनी एचडीएफसी बैंक का लार्जकैप, बैंकिंग और वित्तीय सेवा सूचकांकों में सबसे ज्यादा भार है।
परिणामस्वरूप ज्यादातर विशाखित ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं का इस शेयर में खासा निवेश है। इस साल मई से जुलाई की अवधि तो छोड़ दें तो क्वांट उन कुछ फंड हाउस में शामिल है जिनका हाल के वर्षों में एचडीएफसी बैंक में शून्य से लेकर कम आवंटन रहा है।
मूल्यांकन के लिहाज से आकर्षक होने के बावजूद एचडीएफसी बैंक हाल के वर्षों में शेयरधारकों को रिटर्न देने में नाकाम रहा है। लंबे समय तक इसका कमजोर प्रदर्शन जुलाई के आखिर तक इस उम्मीद में खत्म होने के आसार थे कि एमएससीआई इंडेक्स में उसके भार में बढ़ोतरी से वैश्विक पैसिव फंडों की मजबूत खरीदारी होगी। हालांकि एमएससीआई की तरफ से भार में चरणों में बढ़ोतरी का फैसला इसके लिए ठीक साबित नहीं हुआ।