शेयर बाजार के बड़े पंटर यानी बड़े ऑपरेटर फिर हरकत में आ गए हैं। आईएफसीआई, एस्सार ऑयल और स्पाइस कम्युनिकेशन जैसे कथित मूमेंटम स्टॉक्स में आ रही भारी तेजी इसका साफ संकेत है।
ये ऑपरेटर अफवाहों और चर्चाओं के जरिए किसी स्टॉक के भावों को चढ़ाने गिराने में माहिर होते हैं और जब बाजार में घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी कम होने से वॉल्यूम घटा है तो ये पंटर इसका पूरा फायदा उठाना चाहते हैं।
ब्रोकरों के मुताबिक एस्सार ऑयल, ओसवाल केमिकल्स, एफसीआई और कुछ आईटी शेयर हैं जो मुंबई और कोलकाता के कुछ पंटरों के हमेशा से पसंदीदा रहे हैं। इन पंटरों के लिए इन शेयरों के भावों को गिराना या चढ़ाना आसान है क्योकि इन लोगों ने ये स्टॉक बडी मात्रा में इकट्ठा कर रखे हैं।
ब्रोकरों का मानना है कि ये पंटर अपना ये धंधा नए स्टॉक लेंडिंग ऐंड बारोइंग स्कीम के जोर पकड़े से पहले ही ज्यादा से ज्यादा कर लेना चाहते हैं क्योकि इस नियम के तहत अगर निवेशक को भावों में जरूरत से ज्यादा तेजी या गिरावट दिखेगी तो वह किसी भी स्टॉक को बॉरो कर सकेगा और उसमें शार्ट भी कर सकेगा। यह स्कीम 21 अप्रैल से लागू हुई है।
ब्रोकरों के मुताबिक इन ऑपरेटरों के लिए नई लिस्टिंग वाले शेयरों की रिगिंग करना ज्यादा आसान है क्योकि कई इश्यू तो 100-100 गुना सब्सक्राइब हो जाते हैं और छोटे से स्टेक के लिए संस्थागत निवेशक बड़ी बड़ी बिड करते हैं। ओसवाल केमिकल्स और आईएफसीआई के मामले में इन ऑपरेटरों को इन कंपनियों की आगे की योजनाएं मालूम चल जाने की वजह से उन्हे इन स्टॉक्स में पंटरिंग करने में आसानी हो गई।
लोगों की निगाह से बचने के लिए ये ऑपरेटर अलग अलग खातों में ये स्टॉक इकट्ठा कर लेते हैं। ओसवाल केमिकल्स और आईएफसीआई दोनो ही साल भर पहले 10 रुपए से चढ़ना शुरू हुए। सूत्रों के मुताबिक यही समय था जब पंटरों ने ये स्टॉक इकट्ठा करने शुरू किये। एस्सार ऑयल और रिलायंस पेट्रोलियम भी 2007 की शुरुआत में 60 रुपए के भाव पर थे।
जनवरी में गिरावट के बाद एस्सार ऑयल चढ़ना शुरू हुआ, यह 50 फीसदी के करेक्शन के बाद महीने भर में 32 फीसदी चढ़ गया। स्टेक सेल की खबरों से आईएफसीआई भी महीने भर में 39 फीसदी चढ़ गया और 120 तक जाने के बाद इसमें भारी गिरावट आ गई। सोमवार को तो इस स्टॉक में कैश सेगमेन्ट में ही कुल 4.19 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ। जबकि बीएसई में पिछले दो हफ्तों का औसत 1.58 करोड़ शेयरों का ही था और एनएसई में 2 करोड़ शेयरों का।