भारतीय कंपनियों को विदेशी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने की अनुमति की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कंपनी मामलों के मंत्रालय ने आज इससे संबंधित एक प्रावधान लागू किया है। इसके तहत कुछ सूचीबद्ध कंपनियों को विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने के लिए विशेष श्रेणी की प्रतिभूतियां (सिक्योरिटीज) जारी करने की अनुमति होगी।
इस प्रावधान को कंपनी अधिनियम (संशोधित) 2020 में शामिल किया गया था और इसे 30 अक्टूबर से लागू किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘निर्धारित श्रेणी की सूचीबद्ध कंपनियां विदेशी या अन्य ऐसे न्यायिक क्षेत्र में अनुमत स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने के उद्देश्य से विशेष श्रेणी की प्रतिभूतियां जारी कर सकती हैं।’
इससे भारत की चुनिंदा श्रेणी की कंपनियों को विदेशी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने की राह खुलेगी, जिसे कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। उसके बाद उन्हें गुजरात के गिफ्ट सिटी में इंटरनैशनल फाइनैंस सर्विस सेंटर (आईएफएससी) और फिर स्वीकृत विदेशी एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराने की अनुमति होगी।
कंपनी मामलों का मंत्रालय अब प्रतिभूतियों की श्रेणी अधिसूचित करेगा जिसे सूचीबद्ध कंपनियों को जारी करने और उसे विदेशी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने की अनुमति होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में 12वें ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता के बाद कहा था, ‘हम विदेश में सूचीबद्धता की शुरुआत गिफ्ट सिटी में इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर से करने की संभावना देख रहे हैं। ऐसा होने के बाद हम इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।’
कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स में पार्टनर अंकित सिंघी ने कहा, ‘धारा 23 में संशोधन की अधिसूचना का उद्देश्य भारत की सूचीबद्ध कंपनियों को गिफ्ट सिटी सहित विदेश में सीधे सूचीबद्ध कराने की सुविधा प्रदान करना है। उद्योग लंबे समय से इसकी मांग कर रहा है।