वैश्विक निवेश समूह प्रोसस ने अगले 12 से 18 महीने में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए अपने पोर्टफोलियो में पांच भारतीय कंपनियों की पहचान की है। इन पांच कंपनियों में से डच निवेश समूह ने तीन कंपनियों की पहचान कर ली है- डिजिटल भुगतान कंपनी पेयू (यह पूरी तरह से प्रोसस के स्वामित्व में है), ई-कॉमर्स कंपनी मीशो और ओमनी चैनल आभूषण रिटेलर ब्लूस्टोन – जो इस अवधि के भीतर आईपीओ ला सकती है। 2025 की पहली छमाही के परिणामों की घोषणा करते हुए सोमवार को एक विश्लेषक कॉल में वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
प्रोसस ने कहा है कि आईपीओ घोषणा की सटीक समयसीमा खुद कंपनियों की तरफ से आएगी। इसने अपनी भविष्य की संभावित आईपीओ सूची में अन्य पांच निवेशित कंपनियों की भी पहचान की है।
इनमें एडटेक कंपनी एरुडिटस (3.1 अरब डॉलर का मूल्यांकन), मत्स्य और समुद्र की टिकाऊ मूल्य श्रृंखला निर्माता कैप्टन फ्रेश (80 करोड़ डॉलर का मूल्यांकन), आपूर्ति श्रृंखला फाइनैंसिंग कंपनी मिंटिफी (प्रोसस ने अक्टूबर 2024 में 75 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन पर 10.65 प्रतिशत हिस्सेदारी ली थी), हाउसिंग फाइनैंस क्षेत्र की वास्तु (कंपनी में प्रोसस के पास आठ प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्यांकन 1.26 अरब डॉलर है) और डिजिटल फर्स्ट ब्रांड मेन्सा (96.7 करोड़ डॉलर का मूल्यांकन) जैसी कंपनियां शामिल हैं।
प्रोसस ने देश में 30 से अधिक कंपनियों में आठ अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। इसने हाल ही में स्विगी से आंशिक रूप से निकासी की है। फूड डिलिवरी क्षेत्र की कंपनी में इसका 1.3 अरब डॉलर का निवेश था। आईपीओ के बाद इसका मौजूदा मूल्यांकन चार अरब डॉलर से ज्यादा है। हालांकि यह कंपनी में अब भी सबसे बड़ी शेयरधारक है।
कंपनी के अधिकारियों ने बातचीत में कहा कि नियामकीय चुनौतियों के बावजूद पेयू ने भारत में बहुत अच्छी वृद्धि दिखाई है और भुगतान तथा ऋण कारोबार दोनों ही अच्छे चल रहे हैं। हालांकि वर्ष 2025 की पहली छमाही में पेयू इंडिया के राजस्व में 28 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि इसके ईबिट मार्जिन में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है। खबरों के अनुसार कंपनी को पांच से सात अरब डॉलर के मूल्यांकन पर सूचीबद्ध होने की उम्मीद थी।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2024 तक ब्लूस्टोन का मूल्यांकन 96.8 करोड़ डॉलर है। मीशो में प्रोसस के पास तकरीबन 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वर्तमान में इसका मूल्य 3.9 अरब डॉलर है। हालांकि लंबे समय से भारत में मौजूद प्रोसस ने देश में दीर्घकालिक निवेश किया है और केवल तीन से निकासी की है – मेकमाईट्रिप और फ्लिपकार्ट तथा स्विगी में आंशिक तौर पर। हालांकि प्रोसस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी होने की वजह से पेयू आंशिक विनिवेश के बावजूद वह उन्हें आकर्षक रिटर्न प्रदान कर सकती है।
पोर्टफोलियो की अन्य कंपनियों के संबंध में प्रोसस की प्रस्तुति में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि फार्मेसी स्टार्टअप फार्मईजी को छोड़कर उसके अधिकांश निवेश इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (आईआरआर) दे रहे हैं। फार्मईजी का आईआरआर 38 प्रतिशत (ऋणात्मक) था।