facebookmetapixel
October Bank Holidays List: त्योहारी मौसम में बैंक बंद! जानें कब-कब रहेगी छुट्टी; देखें RBI की हॉलिडे लिस्टकेबल एंड वायर सेक्टर के इन 2 स्टॉक्स पर रखें नजर, दमदार ग्रोथ आउटलुक पर मोतीलाल ओसवाल बुलिशउत्तर प्रदेश में 34,000 करोड़ रुपये के रक्षा और एयरोस्पेस निवेश दर्जकेंद्र ने संसदीय समितियों का कार्यकाल दो साल करने का दिया संकेतशैलेश चंद्रा होंगे टाटा मोटर्स के नए एमडी-सीईओ, अक्टूबर 2025 से संभालेंगे कमानदिल्ली बीजेपी का नया कार्यालय तैयार, PM Modi आज करेंगे उद्घाटन; जानें 5 मंजिला बिल्डिंग की खास बातेंAtlanta Electricals IPO की बाजार में मजबूत एंट्री, ₹858 पर लिस्ट हुए शेयर; हर लॉट ₹1983 का मुनाफाJinkushal Industries IPO GMP: ग्रे मार्केट दे रहा लिस्टिंग गेन का इशारा, अप्लाई करने का आखिरी मौका; दांव लगाएं या नहीं ?RBI MPC बैठक आज से, दिवाली से पहले मिलेगा सस्ते कर्ज का तोहफा या करना होगा इंतजार?NSE Holidays 2025: अक्टूबर में 3 दिन बंद रहेंगे बाजार, 2 अक्टूबर को ट्रेडिंग होगी या नहीं? चेक करें डीटेल

STCG से मुनाफा: शीर्ष 1% निवेशक बने लाभ के सबसे बड़े हिस्सेदार, बाकी रह गए पीछे

शेयर बाजार नियामक निवेशकों को आगाह करता रहा है कि बाजार में चलने वाली अटकलों के शिकार न बनें। निवेशकों को ज्यादातर नुकसान नकद और डेरिवेटिव श्रेणी में हुआ है।

Last Updated- September 27, 2024 | 10:14 PM IST
Stock Market

लघु अवधि का पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कमाने वालों में कुछ लोग ही बाकी सब पर भारी पड़े हैं। एसटीसीजी की जानकारी देने वालों में शीर्ष 50,000 लोगों को मिला लाभ अन्य से ज्यादा रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने कर निर्धारण वर्ष 2023-24 के आयकर आंकड़े देखे हैं। कुल 54 प्रतिशत एसटीसीजी तो उन्हीं 1 प्रतिशत खातों में चला गया है, जिनको सबसे ज्यादा लाभ होता है। यह लोगों की कुल सकल आय में दिख रहे अंतर से ज्यादा है। सकल कुल आय के हिसाब से देखें तो शीर्ष 1 प्रतिशत लोग कुल कमाई का लगभग 16.1 प्रतिशत हिस्सा ले जा रहे हैं।

निवेशक या कोई व्यक्ति प्रतिभूति, सोना, जायदाद और अन्य परिसंपत्तियां खरीदने के बाद एक साल के अंदर बेच देता है तो बिक्री से उसे होने वाला मुनाफा लघु अवधि का पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कहलाता है। कर आंकड़ों में शेयर बाजार से कमाए मुनाफे का अलग से कोई जिक्र तो नहीं होता है मगर इन रुझानों को एक मोटे संकेत के तौर पर अधिक देखा जाता है। एसटीसीजी की जानकारी देने वालों की तादाद 2012-13 में 4.3 लाख थी, जो 2023-24 में 45.8 लाख पर पहुंच गई। शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण ऐसा हुआ है।

शेयर बाजार नियामक निवेशकों को आगाह करता रहा है कि बाजार में चलने वाली अटकलों के शिकार न बनें। निवेशकों को ज्यादातर नुकसान नकद और डेरिवेटिव श्रेणी में हुआ है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 23 सितंबर को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 91.1 प्रतिशत कारोबारियों को वायदा एवं विकल्प (फ्यूचर ऐंड ऑप्शन) कारोबार में नुकसान उठाना पड़ा था।

केवल 45.8 लाख लोगों को ही एसटीसीजी मिल पाया। नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने 3 करोड़ से अधिक निवेश खाते
होने की बात कही थी और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेस (इंडिया) लिमिटेड ने आंकड़ा इसका तीन गुना बताया था। सूची में सबसे ऊपर बैठे लोगों ने नीचे बैठे लोगों की तुलना में काफी अधिक मुनाफा कमाया।

उदाहरण के लिए 1 करोड़ रुपये से अधिक एसटीसीजी की घोषणा करने वाले लोगों का औसत मुनाफा 3.8 करोड़ रुपये से अधिक रहा था। कर निर्धारण वर्ष 2022-23 में एक व्यक्ति ने 880.41 करोड़ रुपये एसटीसीजी पाने की जानकारी दी थी। मगर बाकी सभी लोगों के लिए औसत लाभ 70,000 रुपये ही था।

इनमें केवल वे लोग शामिल हैं, जिन्हें लघु अवधि का कुछ न कुछ पूंजीगत लाभ हुआ है। ऐसे लोगों की भी संख्या अधिक रही है, जिन्हें कोई मुनाफा ही नहीं हुआ। 2012-13 से अब तक जो आंकड़े उपलब्ध हैं उनमें ‘करोड़पति क्लब’ के बाहर सभी लोगों का औसत लाभ पिछले 12 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर था।

अटकलों वाले कारोबार में खुदरा निवेशक उन निवेशकों से काफी पीछे रह जाते हैं, जिनके पास आधुनिक सॉफ्टवेयर हैं। इस तरह के सॉफ्टवेयर मुहैया कराने वाले एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि संस्थान एवं धनाढ्य लोग अल्गोरिद्म का इस्तेमाल कर तेजी से सौदे निपटा लेते हैं मगर खुदरा निवेशक ऐसा नहीं कर पाते।

First Published - September 27, 2024 | 10:14 PM IST

संबंधित पोस्ट