प्राइवेट इक्विटी फर्म टेमासेक होल्डिंग्स ने वित्त वर्ष 2020.21 की समीक्षा करने के बाद भारत में अपना निवेश बढ़ा दिया है। टेमासेक का भारत में निवेश वित्त वर्ष 2019-20 में 9 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 14 अरब डॉलर हो चुका है। इसमें से 50 फीसदी निवेश पूरी तरह नए हैं। टेमासेक के कुल बहीखाते में उसके भारतीय निवेश की हिस्सेदारी भी बढ़कर 2020-21 में 5 फीसदी हो गई, जबकि 2019-20 में यह चार फीसदी पर थी। वित्त वर्ष 2020-21 में टेमासेक का वैश्विक निवेश पोर्टफोलियो करीब 283 अरब डॉलर का था।
टेमासेक होल्डिंग्स के उप-प्रमुख (भारत) पी. घोष ने भारत को लेकर अपनी रणनीति का जिक्र करते हुए कहा, वैश्विक स्तर पर हमारा ध्यान चार क्षेत्रों. डिजिटलीकरण, खपत के भविष्य, संपोषणीय जीवन और बढ़ी हुई जीवनशैली पर केंद्रित रहा है। जहां तक भारत का सवाल है तो इनमें से पहले दो क्षेत्रों पर हमारा जोर है। टेमासेक ने भारत में जोमैटो, पॉलिसी बाजार और शिंडलर इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों में पूंजी लगाई हुई है।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या टेमासेक ने भारत संबंधी निवेश योजनाओं को लेकर थोड़ा सुस्त पड़ा है तो घोष ने कहा, हम भारत में करीब 17 वर्षों से सक्रिय हैं और पिछले पांच वर्षों में हमारा औसत निवेश करीब 5 अरब डॉलर का रहा है। हम इस देश में दीर्घकालिक निवेशक हैं और हमारा निवेश सूचीबद्ध कंपनियों के साथ-साथ गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में भी है। भारत में निजी इक्विटी की स्थिति पर बेन ऐंड कंपनी ी तरफ से तैयार सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में निजी इक्विटी की शीर्ष 10 कंपनियों ने कुल 20.5 अरब डॉलर का निवेश किया था। इस सूची में अव्वल नंबर पर पीआईएफ रही और उसके बाद केकेआर, सिल्वर लेक, जीआईसी, मुबादला, एडीआईएए जनरल अटलांटिक, ब्लैकस्टोन, कार्लाइल एवं टीपीजी को भी इसमें जगह मिली थी। टेमासेक को शीर्ष 10 इक्विटी निवेशकों में जगह नहीं मिल पाई थी। टेमासेक ने इस दौरान कुछ कारोबारों से अपने हाथ पीछे भी खींच लिए। उसने सीजी कंज्यूमर से खुद को आंशिक तौर पर अलग किया जबकि बजाज कंज्यूमर एवं एचसीजी से पूरी तरह हट गई।