नॉन-पार बुक में वृद्धि के बावजूद भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के नए व्यावसायिक वैल्यू (वीएनबी) मार्जिन में ज्यादा सुधार नहीं आया है। इसकी वजह यह है कि बीमा कंपनी ने इस अवधि के दौरान यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाएं (ULIP) की ज्यादा बिक्री की, जिनमें अक्सर नॉन-पार बचत योजनाओं के मुकाबले कम मार्जिन मिलता है।
बीमा कंपनी का वीएनबी मार्जिन वित्त वर्ष 2023 के 9 महीनों में 14.6 प्रतिशत रहा। प्रतिस्पर्धा की वजह से अगस्त 2022 में एन्युटी दरों में किए गए संशोधन से भी मार्जिन प्रभावित हुआ था। हालांकि LIC प्रबंधन को मार्जिन पर दबाव की भरपाई एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट (एपीई) में वृद्धि से हो जाने की संभावना है। इसकी वजह से संपूर्ण वीएनबी बढ़ने का अनुमान है।
आंकड़े के अनुसार, पार-सेगमेंट में LIC का मार्जिन वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही के 10.6 प्रतिशत से सुधरकर 11 प्रतिशत हो गया। वहीं नॉन-पार सेगमेंट के लिए यह घटकर 63.6 प्रतिशत रह गया, जो पहली छमाही में 68.7 प्रतिशत था। समूह सेगमेंट में, मार्जिन वित्त वर्ष 2023 के पहले 9 महीनों में नरम पड़कर 12.3 प्रतिशत रहा।
LIC के अध्यक्ष एम आर कुमार ने तिमाही परिणाम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम हर तिमाही नॉन-पार श्रेणी में बदलाव दर्ज कर सकते हैं। हमें एक से दो साल का आकलन करने की जरूरत होगी। फिलहाल, हमने नॉन-पार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। ग्राहक पसंद के आधार पर यह बदलाव आएगा कि वे एन्युटी, यूलिप या टर्म प्लान में से किसकी खरीदारी ज्यादा करना चाहेंगे।’
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उन्होंने कहा कि एलआईसी निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले ज्यादा जल्द 25 प्रतिशत मार्जिन तक पहुंच जाएगी। कुमार ने कहा, ‘हम बहुत कम समय में 9 प्रतिशत से 14.6 प्रतिशत पर पहुंच गए हैं।’