अगर आप एक उद्यमी हैं और यह सोच-सोच कर परेशान हो रहे हैं कि वैश्विक बाजार में आई गिरावट के कारण कोष इकठ्ठा करने में समस्याएं आ सकती हैं तो अब चिंता मत कीजिए।
भारत केंद्रित प्राइवेट इक्विटी (पीई) कंपनियों और वेंचर कैपिटल फंडों ने पिछले वर्ष के दौरान कुल मिलाकर सात अरब रुपये जुटाए थे जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर को शामिल नहीं किया गया है। वेंचर कैपिटल रिसर्च फर्म वेंचर इटेलिजेंसी के आंकड़ो के मुताबिक पीई फंडों द्वारा जुटाई गई यह राशि पिछले वर्ष की समान की समान अवधि के दौरान जुटाई गई राशि के लगभग बराबर है।
कुछ जानी मानी वेंचर कैपिटल फर्म जिन्होंने पिछले वर्ष कोष जुटाया है उनमें सिकोईया कैपिटल (3,000 लाख डॉलर), सैंडलवुड कैपिटल (3,500 लाख डॉलर), हेलियॉन वेंचर्स (2,100) वेंचरईस्ट (1,500 लाख डॉलर) और नेक्सस इंडिया कैपिटल (1,000 लाख डॉलर) शामिल हैं। एक वेंचर कैपिटल फंड के साझेदार ने कहा, ‘काश कोई मंदी होती! हम प्रति दिन कई सारे प्रस्तावों की जांच कर रहे हैं।
उद्योग में काफी तेजी है। सुदृढ़ कारोबारी योजना वाले उद्यमियों को सुस्त बाजार परिस्थितियों में भी कोष जुटाने में कोई समस्या नहीं आएगी’एक तरफ जहां वेंचर कैपिटल की मजबूती बढ़ी है वहीं दूसरी ओर प्राईवेट इक्विटी फंडों ने भी अपनी हिस्सेदारी प्राप्त करने में सफल रहे हैं। फ्रंटलाइन इक्विटी, अस्कर कैपिटल, कोटक प्राइवेट इक्विटी जैसे फंड पिछले वर्ष के दौरान फंड जुटाने में सक्रिय रहे थे।
वास्तव में कोटक पीई ने तीन महीनों के भीतर 4,400 लाख डॉलर जुटाए थे।कोटक प्राइवेट इक्विटी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘निवेश योग्य नकदी के लिए यह सर्वोत्तम समय है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार पिछले कुछ वर्षों से अच्छी है और इसके निरंतर विकास के अनुमान से मिड मार्केट स्पेस में वैश्विक निर्माण क्षेत्रक े उच्च विकास वाले वर्गों, घरेलू खपत और बुनियादी ढांचागत सेवाओं के क्षेत्र में कई अवसर मिल पाएंगे।
‘लिमिटेड पार्टनर्स (वैसे संस्थान जो पीई और वेंचर कैपिटल में निवेश करते हैं) जैसे कि इंटरनेशनल फाइनैंस कॉर्पोरेशन, अर्गोनॉट प्राइवेट इक्विटी, थॉमस वेजल और संस्थाओं तथा पश्चिम एशियाई क्षेत्र से फैमिली ऑफिसेज की बढ़ती संख्या कोष जुटाने की योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।