Ola Electric share price dips below issue price: देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) के शेयर मंगलवार को BSE पर, 3 प्रतिशत गिरकर 75.20 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए। इस तरह, ओला इलेक्ट्रिक के शेयर आज के इंट्राडे ट्रेड में भारी वॉल्यूम के बीच अपने इश्यू प्राइस 76 रुपये से नीचे आ गए।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता के स्टॉक ने 9 अगस्त 2024 को शेयर बाजार में डेब्यू किया था और यह 20 अगस्त 2024 को अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 157.53 रुपये से अब तक 52 प्रतिशत गिर चुका है।
विश्लेषकों के मुताबिक, हाल ही में कंपनी के उत्पादों और आफ्टर-सेल्स सर्विस को लेकर शिकायतों में आई तेजी ने ब्रांड की छवि को प्रभावित किया है, जो कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ पर नकारात्मक असर डाल सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (2W) बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है, जिससे ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी पर दबाव पड़ सकता है।
सुबह 10:55 बजे, ओला इलेक्ट्रिक 2.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 0.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अब तक एनएसई और बीएसई पर कुल मिलाकर 1.73 करोड़ इक्विटी शेयरों का लेन-देन हुआ है।
ओला इलेक्ट्रिक एक शुद्ध इलेक्ट्रिक दोपहिया (e2W) निर्माता है, जो उभरते हुए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट की अग्रणी कंपनी है। कंपनी एक टेक-फोकस्ड इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल, हाई इंसेंटिव और एडवांस प्रोडक्ट पोर्टफोलियो विस्तार के साथ काम करती है।
भारत घरेलू बिक्री के आधार पर वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा दोपहिया (2W) बाजार है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2023 में वैश्विक 2W उत्पादन का 15-20 प्रतिशत हिस्सा भारत के 2W बाजार का था। हालांकि, भारत में e2W की पैठ जर्मनी, चीन, फ्रांस, स्पेन और इटली से कम है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024 में VAHAN पोर्टल पर रिपोर्ट किए गए घरेलू 2W पंजीकरण के लगभग 5.40 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2028 तक घरेलू 2W बिक्री मात्रा के 41-56 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
विश्लेषक कंपनी की वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशावादी बने हुए हैं, जिसमें EV अपनाने में तेजी, विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर आक्रामक मॉडल लॉन्च और अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर ध्यान केंद्रित करने से मध्यम अवधि में लाभप्रदता में सुधार होने की संभावना है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी EV बाजार में अवसर का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। इसकी वजह है दोपहिया वाहनों में EV की बढ़ती पैठ, केवल इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता होने के नाते आक्रामक मॉडल लॉन्च करने की इसकी क्षमता और आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की बिक्री में कोई खतरा न होना। कंपनी का एंड-टू-एंड वर्टिकल इंटीग्रेशन (जो मुनाफे को बढ़ाने में मदद करेगा) और सबसे ज्यादा इंसेंटिव वाली स्थिति इसे आक्रामक मूल्य निर्धारण के साथ अपने संचालन को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगी।
मजबूत वृद्धि की संभावनाओं के बावजूद, ब्रोकरेज का मानना है कि ओला इलेक्ट्रिक के शेयर का मूल्यांकन उचित है क्योंकि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बाजार हिस्सेदारी में कमी, उत्पाद की गुणवत्ता और आफ्टर-सेल्स सेवा से जुड़ी समस्याओं के जोखिम बने हुए हैं।
ब्रोकरेज ने 80 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ ‘Reduce’ रेटिंग दी है, उल्लेखनीय है कि यह फेयर वैल्यू शेयर की मौजूदा बाजार कीमत से अधिक है।
एंबिट कैपिटल के विश्लेषकों को भी उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2031 तक ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक घट जाएगी। क्योंकि इस बाजार में कुछ नई कंपनियां (होंडा और सुजुकी वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में प्रवेश करेंगे), प्रवेश करेगी। इस कारण ओला इलेक्ट्रिक के इंसेंटिव पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। इसके अलावा, सरकारी नीतियों में बदलाव, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और एक कैपेक्स-गहन बिजनेस मॉडल में कम लाभप्रदता ओला इलेक्ट्रिक के लिए जोखिम पैदा करती है।