इक्विटी के अलावा निवेश के अन्य तरीकों में लोगों की बढ़ती रुचि ने भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को विश्व के 10 सबसे बड़े वायदा बाजारों में शामिल कर दिया है, जहां कारोबार के आकार में सबसे तेज वृध्दि दर्ज की गई।
वॉशिंगटन स्थित कारोबार समूह यूचर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफआईए) द्वारा वैश्विक कारोबारी आकार पर तैयार सालाना रपट के मुताबिक एनएसई छह पायदान आगे बढ़कर विश्व का सबसे बड़ा नौवां वायदा एक्सचेंज बन गया है।
भारत के दो अन्य एक्सचेंज एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स ने 50 बड़े शेयर बाजारों की फेहरिस्त में अपना जगह बरकरार रखी है। एमसीएक्स 28वें स्थान पर बरकरार है जबकि एनसीडीईएक्स 2007 के दौरान कारोबारी आकार के मामले में पांच पायदान फिसलकर 30वें स्थान पर पहुंच गया है।
एनएसई को विश्व के 10 सबसे बड़े वायदा बाजारों में सबसे तेजी से बढ़ते बाजार के रूप में उभरा है।
एनएसई का वायदा कारोबार 2007 में लगभग दुगना हो गया है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड एंड शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज के विलय के बाद सीएमई समूह सबसे बड़े वायदा बाजार के रूप में उभरा है और इसने कोरिया एक्सचेंज को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है।
2007 के दौरान सीएमई में 2.8 अरब और कोरिया एक्सचेंज में 2.7 अरब अनुबंधों का हस्तांतरण हुआ।