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अब बिना प्रॉपर्टी खरीदे ही आप बन सकेंगे जमींदार

Last Updated- December 05, 2022 | 7:04 PM IST

सेबी 15 दिन के अंदर रियल एस्टेट म्युचुअल फंड्स के लिए दिशानिर्देश जारी करने जा रहा है।


इससे रिटेल इंवेस्टर भी पिछले कुछ सालों में आसमान छूने लगे रियल एस्टेट के बाजार का फायदा उठा सकेगा।  सेबी के पूर्णकालिक सदस्य टीसी नायर के मुताबिक सेबी ने रियल एस्टेट म्युचुअल फंड के दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं और इन्हे 15 दिन के अंदर ही किसी भी दिन जारी किया जा सकता है।


रियल एस्टेट म्युचुअल फंड्स पर एसोचेम की एक कॉन्फ्रेंस में उन्होने कहा कि दिशानिर्देशों के लिए अकाउंटिंग और वैल्युएशन समेत इसके सभी कानूनी पक्ष तय हो चुका है और सेबी बोर्ड ने इसे मंजूरी भी दे दी है। रियल एस्टेट म्युचुअल फंड का उद्देश्य प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में निवेश करना होता है और यह सेबी (म्युचुअल फंड) रेगुलेशन 1996 के दिशानिर्देशों के तहत काम करता है।


एसोचेम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन धूत के मुताबिक फिलहाल केवल वेंचर कैपिटल फंडों को ही रियल एस्टेट फंड लाने की मंजूरी मिली हुई है, और वो फंड भी केवल हाईनेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई)यानी बडे निवेशकों, संस्थागत और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए है।


सेबी के नियमों के मुताबिक रियल एस्टेट म्युचुअल फंड के व्यक्तिगत निवेशक को कम से कम 11,500 डॉलर का निवेश करना होगा लेकिन जिन लोगों ने ऐसे फंड उतारे हैं उन्होने यह सीमा और बढ़ा कर रखी है। नायर के मुताबिक इंस्टिटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने पहले इस तरह के फंड को लेकर अपनी कुछ आपत्तियां दर्ज की थीं लेकिन बाद में उन मुद्दों को सुलझा लिया गया।


आने वाले इन फंड्स पर एसोसिएशन ऑफ म्ययुचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी)के अध्यक्ष एपी कुरियन का कहना है कि इन म्युचुअल फंड्स का बहुत बडा बाजार है और एक बार गाइडलाइन जारी होने के बाद फंड हाउस क्लोज एंडेड इंटरवल फंड लेकर आ सकेंगे।


मेरिल लिंच के मुताबिक साल 2015 तक भारत का रियल एस्टेट बाजार बढ़कर 90 अरब डॉलर का हो जाएगा। एचडीएफसी, प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई, कोटक महिन्द्रा, आईएल ऐंड एफएस और क्षितिज वेंचर के पास ऐसे कुछ वेंचर कैपिटल फंड हैं लेकिन ये केवल बड़े निवेशकों के लिए हैं।


ऐसे फंड के एनएवी पर कुरियन का कहना है कि ये फंड हाउस ही तय करेंगे कि इनके एनएवी रोज सार्वजनिक किए जाएंगे या फिर एक तय अवधि में। रियल एस्टेट सेक्टर में ऊंची स्टाम्प दरों के मामले पर उन्होने कहा कि इसके लिए उन्हे नियमों के अनुरूप ही चलना होगा। स्टाम्प दरों का मामला थोड़ टेढ़ा है और इसे राज्य सरकारों को ही सुलझाना होगा और इसमें कुछ समय लग सकता है।


कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोगों का मानना था कि सेबी को इस तरह के फंड के लिए संपत्ति की वैल्युएशन पर बहुत ही स्पष्ट दिशानिर्देश लाने होंगे।रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के मामले पर नायर ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और इस पर अलग से ही विचार होगा। इस पर सेबी अपने दिशानिर्देशों का प्रारूप पिछले साल ही जारी कर चुकी है। रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट निवेशकों से लिए गए पैसे को स्टॉक एक्सचेंज के जरिए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाती हैं।

First Published - April 4, 2008 | 11:22 PM IST

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