आर्थिक स्वतंत्रता, उच्च शिक्षा और जागरूकता के चलते अब महिलाएं भी हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।
यही नहीं, शेयर बाजार में निवेश उनका पसंदीदा शगल बन गया है। ब्रोकिंग कंपनी शेयर खान के एसोशिएट वाइस प्रेसीडेंट मृदुल वर्मा कहते हैं कि इस तरह के रुझान पिछले कुछ सालों से मिल रहे हैं, लेकिन पिछले 2 साल से इसमें तेजी आई है।
उनका कहना है कि ऑनलाइन ब्रोकिंग की वजह से महिलाएं शेयर बाजार से अधिक जुड़ पाई हैं, क्योंकि इसके जरिए घर या ऑफिस से बैठकर भी शेयर में किए निवेश किया जा सकता है। मदुल का कहना है कि केवल मेट्रो शहरों की महिलाएं ही नहीं, दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों की महिलाएं भी शेयर बाजार में निवेश करने लगी हैं।
उत्तर प्रदेश में ही इस ऑनलाइन ब्रोकिंग कंपनी की 15 शाखाएं हैं, जिनसे 30,000 ग्राहक जुड़े हैं। वर्मा के मुताबिक, इन ग्राहकों में भी 15 फीसदी महिलाएं हैं और इनकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। उनका मानना है कि महिलाएं अच्छी शिक्षा के माध्यम से जागरूक हुई हैं और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता भी बढ़ी है।
उनको लगने लगा है कि यदि वे शेयर बाजार में निवेश करेंगी तो उनको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इस मामले में वर्मा मीडिया की भूमिका को भी बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है कि मीडिया में शेयर बाजार को काफी प्रचारित किया जाता है, जिससे आम आदमी की शेयरों के बारे में समझ काफी बढ़ी है।
लखनऊ की एक गृहिणी अपर्णा शेयर बाजार को बेहद मजेदार मानती हैं। उन्होंने छोटी राशि के निवेश से शुरुआत की, लेकिन वे इसके दांव पेंच को समझने लगीं हैं और बड़े निवेश की तैयारी कर रही हैं। अपर्णा कहती हैं कि उन्होंने साल भर पहले शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत की थी और अब उनकी बड़े निवेश की योजना है। उन्होंने अपनी सहेलियों को भी इसके बारे में जानकारी दी है और उन्हें शेयर बाजार से जोड़ने में सफल भी रही हैं।
अपर्णा जैसे और भी कई महिलाएं हैं। वर्मा के अनुसार 35 से 55 साल के बीच की महिलाएं ही शेयर बाजार में निवेश कर रही हैं। ये महिलाएं आमतौर पर 50,000 रुपये से लेकर 2-3 लाख रुपये तक का निवेश कर रही हैं। वर्मा का कहना है कि 50,000 रुपये के शुरुआती निवेश के साथ ही कोई भी 1 करोड़ रुपये तक का लेन-देन किया जा सकता है।