Nifty Smallcap 100 Index: स्मॉलकैप शेयरों के प्रदर्शन की माप के लिए व्यापक तौर पर ट्रैक किए जाने वाले निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में शुक्रवार को लगातार 11वें कारोबारी सत्र में बढ़ोतरी दर्ज हुई। यह बढ़ोतरी बाजार में बुलबुले को लेकर नियामकीय चेतावनी के बावजूद निवेशकों के आशावाद की वापसी का संकेत देता है। यह सूचकांक 0.84 फीसदी की बढ़त के साथ 16,355 पर पहुंच गया जो 7 फरवरी के बाद का सबसे ऊंचा बंद स्तर है जबकि बेंचमार्क निफ्टी-50 बिना मामूली बदलाव के साथ बंद हुआ।
19 मार्च के बाद से निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है और इस तरह से उसने निफ्टी-50 इंडेक्स के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन किया है क्योंकि निफ्टी-50 में इस दौरान महज 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले इंडेक्स सितंबर 2023 में लगातार 11 दिन चढ़ा था।
27 फरवरी को बाजार नियामक सेबी ने छोटी कंपनियों में संभावित बुलबुले को लेकर पैदा होने वाले जोखिम को लेकर चेताया था। इस चेतावनी के बाद इंडेक्स में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी और कई छोटी कंपनियों के शेयर 20 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे।
बाजार में हालांकि इस बात को लेकर बहस चल रही थी कि क्या और गिरावट के कारण कंपनियां मंदी के बाजार में प्रवेश कर जाएगी लेकिन इनमें अचानक और तेज उछाल देखने को मिली और निफ्टी स्मॉलकैप 100 अब 7 फरवरी के अपने सर्वोच्च बंद स्तर 16,566 अंक से महज 1.3 फीसदी पीछे है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा कि इस सेगमेंट में गुणवत्ता वाले कई शेयर 15-20 फीसदी टूट चुके हैं। ऐसे में निवेशकों ने दोबारा प्रवेश के लिए इन्हें आकर्षक पाया। उन्होंने कहा कि बाजार में तेजी के सामान्य हालात ने भी इसे दोबारा बेहतरी की ओर लौटने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि कई संस्थानों ने भारत की आर्थिक वृद्धि और अन्य आर्थिक आंकड़ों के अनुमान को अपग्रेड किया है, मसलन बैंकिंग क्षेत्र के लिए क्रेडिट की वृद्धि। देसी व विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में भी मजबूती है। हमें देखना है कि क्या फंडामेंटल पर यह रफ्तार उचित है। अगर ऐसा नहीं है तो हम कुछ समय बाद एक और गिरावट देख सकते हैं।
हालिया तेजी में निफ्टी स्मॉलकैप 100 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर मोटे तौर पर कमोडिटी और बुनियादी ढांचा कंपनियों के थे। 19 मार्च से (जब इंडेक्स निचले स्तर से सुधरने लगा था) नालको ने सबसे ज्यादा 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है जिसके बाद 28 फीसदी की बढ़त के साथ एनसीसी का स्थान है। एनबीसीसी इंडिया, आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स और हिंदुस्तान कॉपर में भी 23-23 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि मूल्यांकन को लेकर चिंता और इस सेगमेंट में गड़बड़ी के बावजूद तिमाही नतीजों का इस पर असर नहीं पड़ेगा। स्मॉलकैप में खुदरा निवेशकों का निवेश है और इनमें आम तौर पर उनके ब्रोकरों आदि की सिफारिशों से तेजी आती है। इसके अलावा कुछ शेयरों को लेकर पर्याप्त सकारात्मक खबरें आती हैं, जैसे कि कंपनी को बड़ा ऑर्डर मिलना आदि। ऐसे में इनके कारण स्मॉलकैप में संभावना को लेकर निवेशकों का आशावाद बना रहता है।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स पिछले एक साल में करीब 80 फीसदी उछला है। तेज वृद्धि के कारण न सिर्फ नियामक बल्कि विश्लेषकों ने भी चेतावनी जारी की हैं क्योंकि इनमें बढ़ोतरी दोबारा रेटिंग की बदौलत हुई है, न कि आय में वृद्धि के कारण। पिछले महीने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के नोट में इसे रेखांकित किया गया था कि कैसे इक्विटी का मूल्यांकन असहज होने लगा है क्योंकि बढ़ी कीमतें आय में वृद्धि के मुताबिक नहीं हैं।