अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सामने आ रहे मसलों पर बाजार नियामक सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की लंबी चुप्पी पर सवाल उठाए।
यह बयान देश की विपक्षी पार्टी-कांग्रेस के हालिया आरोपों के बाद आया है, जिसमें बुच और उनके पति पर निजी कंपनियों से अतिरिक्त फंड प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है।
एक्स पर हिंडनबर्ग ने कहा कि नए आरोप ये हैं कि निजी सलाहकार फर्म (जिसका 99 फीसदी स्वामित्व माधवी पुरी बुच के पास है) ने सेबी की तरफ से विनियमित कई सूचीबद्ध इकाइयों से भुगतान अपने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य रहने के दौरान हासिल किया। इन कंपनियों में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज लैब और पिडिलाइट शामिल हैं।
ये आरोप बुच की भारतीय सलाहकार फर्म पर लागू होते हैं और बुच की सिंगापुर स्थित कंसल्टिंग इकाई की कोई विस्तृत जानकारी अभी तक नहीं मिली है। हिंडनबर्ग ने कहा, बुच ने इन सभी उभरते मसलों पर हफ्तों से पूरी तरह चुप्पी साधी है।