वर्ष 2023 की दिसंबर तिमाही में म्युचुअल फंड (Mutual Fund) उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 22 प्रतिशत बढ़ गईं, जो पिछले 6 वर्षों में किसी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दूसरी सबसे अधिक वृद्धि है।
भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में उद्योग की औसत एयूएम 49.2 लाख करोड़ रुपये रही जो कैलेंडर वर्ष 2022 की इसी अवधि के 40.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इस वृद्धि को इक्विटी बाजारों में भारी तेजी और इक्विटी योजनाओं में मजबूत निवेश प्रवाह से मदद मिली। प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी-50 में पिछले साल 18.7 प्रतिशत और 20 प्रतिशत तेजी दर्ज की गई। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने सेंसेक्स और निफ्टी-50 के मुकाबले दोगुनी तेजी के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
यह भी पढ़ें: AUM में टॉप 10 म्यूचुअल फंडों का हिस्सा हुआ कम, एनालिस्ट ने बताई गिरावट की वजह
पिछले 6 वर्षों के दौरान किसी अक्टूबर-दिसंबर अवधि को देखें तो पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2021 की चौथी तिमाही वृद्धि के लिहाज से Mutual Fund उद्योग के लिए शानदार रही और उसमें 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। उद्योग की एयूएम दिसंबर 2023 में 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान है।
2022 और 2023 में चौथी तिमाही के लिए औसत एयूएम की तुलना में तीन फंड हाउसों – एसबीआई, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी ने अपनी एयूएम में 1 लाख करोड़ रुपये जोड़े। एयूएम के लिहाज से ये तीन प्रमुख फंड हाउस हैं और करीब 5-5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करते हैं।
शीर्ष-10 में निप्पॉन इंडिया ने 29 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की। हालांकि अक्टूबर-दिसंबर 2023 की अवधि में डेट श्रेणी की एयूएम सिर्फ 9 प्रतिशत तक बढ़ी। डेट फंड प्रतिफल 2023 के शुरू से आकर्षक बना हुआ था, लेकिन डेट फंड कराधान में बदलावों की वजह से यह श्रेणी अब ज्यादा पूंजी प्रवाह आकर्षित करने में विफल रही है।