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कब करें SIP की शुरुआत? बाजार के पीक या बॉटम पर, एक्सपर्ट्स से समझें हाई रिटर्न पाने का फॉर्मूला

AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में SIP इनफ्लो 26,400 करोड़ रुपये रहा। दिसंबर 2024 में यह पहली बार 26,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया।

Last Updated- February 14, 2025 | 2:51 PM IST
When to start SIP? Understand the formula to get high returns from experts at market peak or bottom कब करें SIP की शुरुआत? बाजार के पीक या बॉटम पर, एक्सपर्ट्स से समझें हाई रिटर्न पाने का फॉर्मूला

SIP at the Top or Bottom: म्‍युचुअल फंड में निवेश करने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) आजकल रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच सबसे पॉपुलर तरीका बन गया है। SIP की पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी में लगातार दूसरे महीने 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया। AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में SIP इनफ्लो 26,400 करोड़ रुपये रहा। दिसंबर 2024 में यह पहली बार 26,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। तब SIP में रिकॉर्ड 26,459 करोड़ रुपये का निवेश आया था। लेकिन सवाल यह है कि SIP शुरू करने का सही समय क्या है? इस पर निवेशक दो हिस्सों में बंटे दिखते हैं-कुछ मानते हैं कि बाजार के पीक पर SIP शुरू करना बेहतर है, तो कुछ का कहना है कि बॉटम पर निवेश करने से ज्यादा फायदा होता है। हाल ही में रिलीज हुई व्हाइटओक कैपिटल म्युचुअल फंड (WhiteOak Capital Mutual Fund) की एक रिपोर्ट इस सवाल का जवाब देती है। रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं कि बाजार के सही समय (market timing) का अंदाजा लगाना उतना जरूरी नहीं है, जितना लंबे समय तक निवेश करना। यह निवेशकों की आम धारणा को चुनौती देता है और लॉन्ग-टर्म निवेश पर ज्यादा जोर देता है।

बाजार के पीक पर SIP शुरू करना ज्यादा वेल्थ बनाता है

रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार के निचले स्तर (बॉटम) पर निवेश करने से प्रतिशत के हिसाब से रिटर्न थोड़ा बेहतर हो सकता है, लेकिन कुल वेल्थ क्रिएशन बाजार के ऊपरी स्तर (पीक) पर शुरू किए गए SIP में कहीं ज्यादा होता है। उदाहरण के लिए, जनवरी 2008 (बाजार के पीक) पर SIP शुरू करने और इसे दिसंबर 2024 तक जारी रखने वाले निवेशक का निवेश ₹72.1 लाख तक बढ़ गया। वहीं, मार्च 2009 (बाजार के बॉटम) पर SIP शुरू करने वाले निवेशक की वेल्थ केवल ₹61.7 लाख तक पहुंची। इसका डिटेल कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार है…

नीचे दी गए टेबल में दो निवेशकों के निवेश का सारांश दिया गया है—

पहला निवेशक, जिसने बाजार के पीक (Top) पर ₹10,000 की मासिक SIP शुरू की।
दूसरा निवेशक, जिसने बाजार के बॉटम (Bottom) पर ₹10,000 की मासिक SIP शुरू की।

अगर किसी ने जनवरी 2008 में BSE Sensex TRI में ₹10,000 की मासिक SIP शुरू की होती (जो नीचे दी गई टेबल के अनुसार छठे बाजार चक्र का पीक था), तो 31 दिसंबर 2024 तक उन्होंने कुल ₹20.4 लाख का निवेश किया होता। इस निवेश का वर्तमान मूल्य ₹72.1 लाख होता, जिसमें XIRR 13.5% होता।

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इसी तरह, अगर किसी ने मार्च 2009 में यही SIP शुरू की होती (जो छठे बाजार चक्र का बॉटम था), तो 31 दिसंबर 2024 तक उन्होंने कुल ₹19.0 लाख निवेश किया होता (पहले निवेशक से ₹1.4 लाख कम)। इस निवेश का वर्तमान मूल्य ₹61.7 लाख होता (पहले निवेशक से ₹10.5 लाख कम) और इसमें XIRR 13.6% होता।

यह रिपोर्ट S&P BSE Sensex TRI के पिछले 28+ वर्षों के डेटा के गहन विश्लेषण पर बनी है। इसमें उन सभी समय को शामिल किया गया है जब इक्विटी बाजार अपने उच्चतम स्तर (Top) से 20% या उससे ज्यादा गिरा।

स्त्रोत: व्हाइटओक कैपिटल म्युचुअल फंड

SIP में देरी का मतलब बड़ा नुकसान

कम कीमत पर निवेश करने की उम्मीद में SIP टालना भारी नुकसान पहुंचा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाजार के बॉटम पर पहुंचने में जितना ज्यादा समय लगता है, वेटिंग का ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट उतना ही बढ़ जाता है। यह निवेश की उस अहम सीख को दोहराता है कि “मार्केट को टाइम करने” से ज्यादा जरूरी “मार्केट में समय बिताना” है।

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लॉन्ग टर्म में रिटर्न के लिए मार्केट टाइमिंग मायने नहीं रखती

एंट्री पॉइंट के आधार पर रिटर्न में मामूली अंतर हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में इसका प्रभाव न के बराबर होता है। उदाहरण के लिए, 28 वर्षों से ज्यादा समय में छह बाजार साइकिल (market cycles) के विस्तृत विश्लेषण से पता चलता है कि चाहे SIP बाजार के पीक पर शुरू हो या बॉटम पर, लॉन्ग टर्म में यह मजबूत रिटर्न देता है।

क्या है SIP?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक ऐसा निवेश माध्यम है, जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं। यह एक डिसिप्लिन निवेश प्रक्रिया है, जिसमें साप्ताहिक, मासिक या तिमाही आधार पर निवेश किया जा सकता है। SIP की मदद से निवेशक छोटे-छोटे निवेश कर लंबे समय में बड़ा फंड बना सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि बाजार की उतार-चढ़ाव वाली स्थिति में भी निवेशक म्यूचुअल फंड की यूनिट्स औसत लागत पर खरीद सकते हैं, जिससे बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

SIP शुरू करने का सही समय क्या है?

व्हाइटओक कैपिटल AMC के डायरेक्टर और हेड सेल्स वैभव चुग कहते हैं, “लॉन्ग टर्म स्टडी से पता चला है कि वे SIP, जिन्हें शुरुआती 5 वर्षों में 8% से कम रिटर्न मिला, उन्होंने 10 वर्षों में उन SIP की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया, जिन्हें पहले 5 वर्षों में 8% से ज्यादा रिटर्न मिला। धीरे-धीरे बढ़ने वाले SIP में ज्यादा यूनिट्स इकट्ठा होती हैं, जो अंत में बेहतर रिटर्न का कारण बनती हैं। जब बाजार नीचे (बॉटम पर) होता है, तो हमें सस्ते दामों पर ज्यादा यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है, जिससे आगे चलकर हमें ज्यादा रिटर्न मिलता है।”

INDmoney में म्युचुअल फंड्स के वाइस प्रेसिडेंट (VP), प्रोडक्ट मैनेजमेंट मयंक मिश्रा कहते हैं कि SIP शुरू करने का सबसे सही समय जितनी जल्दी हो सके क्योंकि जितना जल्दी आप निवेश करेंगे, उतना ज्यादा समय आपके पैसे को बढ़ने के लिए मिलेगा। लेकिन निवेश शुरू करने से पहले, एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं, ताकि अचानक आने वाले खर्चों के लिए आपको अपने निवेश को जल्दी न निकालना पड़े।

इसके अलावा, अपने जोखिम प्रोफाइल (Risk Profile) को समझना जरूरी है – यानी आप कम, मध्यम या उच्च जोखिम (low, medium या high risk) में से किसमें सहज महसूस करते हैं। इससे आपको सही निवेश विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।

अंत में, आप कितने समय तक निवेश बनाए रखना चाहते हैं, यह तय करें। अपना टाइम होराइजन (time horizon) जानने से आपको सही म्युचुअल फंड चुनने में आसानी होगी।

SIP बाजार के टॉप पर शुरू करनी चाहिए या बॉटम पर?

मिश्रा कहते हैं कि बाजार के टॉप या बॉटम को पकड़ने की कोशिश करना बेकार है, क्योंकि मार्केट मूवमेंट्स का लगातार सही तरीके से अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन है। अनुभवी निवेशकों भी ऐसा नहीं कर सकते हैं।

SIP का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आपको मार्केट टाइम करने की जरूरत नहीं पड़ती। SIP रुपया-औसत लागत (Rupee-Cost Averaging) के सिद्धांत पर काम करता है, जहां आप नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। इससे, जब कीमतें कम होती हैं तो ज्यादा यूनिट्स खरीद पाते हैं और जब कीमतें ज्यादा होती हैं तो कम यूनिट्स मिलती हैं।

इस तरह, लंबे समय में लागत संतुलित हो जाती है। चाहे बाजार हाई पर हो या लो, SIP शुरू करने से आपको इस एवरेजिंग इफेक्ट का फायदा मिलता है और आप बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए बिना धीरे-धीरे वेल्थ बना सकते हैं।

इन्वेस्टर्स को क्या करना चाहिए?

जल्दी शुरू करें, निवेश बनाए रखें

रिपोर्ट में बताया गया है कि निवेश में देरी करने से कंपाउंडिंग के फायदे छूट सकते हैं। इसलिए, जल्दी और लगातार निवेश करना ही सबसे बेहतर रणनीति है।

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मार्केट साइकिल को नजरअंदाज करें

मार्केट को सही समय पर पकड़ना मुश्किल होता है, और “परफेक्ट एंट्री पॉइंट” का इंतजार करने से ग्रोथ के मौके हाथ से निकल सकते हैं। मार्केट को टाइम करने से ज्यादा जरूरी मार्केट में समय बिताना है।

डिसिप्लिन बनाए रखें

एक अनुशासित SIP अप्रोच से निवेश बाजार के अलग-अलग चक्रों में फैला रहता है, जिससे जोखिम कम होता है और लॉन्ग-टर्म रिटर्न बेहतर होते हैं।

बाजार का उतार-चढ़ाव वेल्थ क्रिएशन को नहीं रोक सकता। SIP चाहे बाजार के पीक पर शुरू हो या बॉटम पर, ज्यादा रिटर्न पाने का असली मंत्र कंसिस्टेंसी, डिसिप्लिन और लंबे समय तक निवेश बनाए रखना है। यही रणनीति निवेशकों को लॉन्ग-टर्म ग्रोथ का फायदा देती है।

First Published - February 14, 2025 | 8:23 AM IST

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