सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश का एक आसान और भरोसेमंद तरीका है, जो आपको नियमित रूप से छोटी-छोटी रकम लगाकर लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड तैयार करने में मदद करता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें अनुशासन बना रहता है और निवेश का बोझ एक बार में नहीं पड़ता। लेकिन अगर किसी महीने आपकी SIP किस्त छूट जाए, तो यह योजना पर असर डाल सकती है। SIP भुगतान में चूक न केवल आपकी निवेश आदत को बाधित कर सकती है, बल्कि इससे रिटर्न और पोर्टफोलियो की ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है। आइए जानें कि SIP चूकने पर क्या होता है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
SIP की किस्त छूटने से आपकी निवेश योजना बाधित हो सकती है और आपके वित्तीय लक्ष्यों (financial goals) को हासिल करने में देरी हो सकती है। हालांकि, अगर सिर्फ एक किस्त चूक जाए तो आमतौर पर इसका कोई गंभीर असर नहीं होता, लेकिन अगर लगातार तीन या उससे ज्यादा बार किस्तें नहीं भरी गईं, तो आपकी SIP योजना रद्द भी हो सकती है।
व्हाइटओक कैपिटल AMC के डायरेक्टर और सेल्स प्रमुख वैभव चुघ कहते हैं, “अगर आप SIP की किस्त नहीं भरते हैं, तो आप हर महीने मार्केट में निवेश करने का मौका गंवा देते हैं। इससे आपके निवेश पर मिलने वाला कंपाउंडिंग का फायदा कम हो सकता है। अगर आप लगातार 3 बार SIP की किस्त नहीं भरते, तो आपकी SIP बंद हो सकती है। फिर आपको इसे दोबारा शुरू करने के लिए पूरी प्रक्रिया फिर से करनी होगी।”
सेबी में रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार और एंटरप्रेन्योर गौरव गोयल कहते हैं कि आम तौर पर SIP किसी खास वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर की जाती है, और किस्तें चूकने या स्किप करने से उस लक्ष्य को हासिल करने में देरी हो सकती है। हमने अक्सर देखा है कि निवेशक SIP की किस्तें तब चूकते हैं जब बाजार नीचे होता है। ये स्थिति सबसे ज़्यादा नुकसानदायक होती है। उन्होंने आगे कहा, “एक बार अगर निवेशक SIP मिस करने की आदत डाल लेता है, तो वह इसे बार-बार टालता रहता है। इसलिए इससे बचना जरूरी है। SIP का असली फायदा तभी मिलता है जब वह नियमित और अनुशासन के साथ किया जाए।”
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SIP के जरिए लगातार निवेश जारी रखने वाले निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है। आइए अब 10 साल के कुछ रोलिंग रिटर्न पर नजर डालते हैं, जो दिखाते हैं कि सबसे अनुशासित निवेशकों ने बेहतर रिटर्न कमाए हैं। जिन निवेशकों ने बीच में SIP बंद कर दी और हालिया अच्छा प्रदर्शन करने वाले मार्केट कैप इंडेक्स में दोबारा शुरू की (यानी हालिया प्रदर्शन के आधार पर फैसला लिया), उन्हें उन निवेशकों की तुलना में कम रिटर्न मिला, जिन्होंने बिना दिशा बदले लगातार निवेश जारी रखा।
यह टेबल 10 वर्षों की रोलिंग SIP रिटर्न को दर्शाती है और यह दिखाती है कि अगर कोई निवेशक हर साल के सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच करता है या लगातार एक ही इंडेक्स में निवेश करता है, तो रिटर्न कैसे बदलते हैं।
बाएं भाग में, निवेशक ने मिड कैप इंडेक्स में SIP शुरू किया और हर साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच किया। इसका औसत रिटर्न 15.1% रहा, जबकि अधिकतम 22.1% और न्यूनतम 3.9% था। वहीं, अगर SIP केवल मिड कैप इंडेक्स में जारी रखी गई होती, तो औसत रिटर्न 17.0%, अधिकतम 23.3% और न्यूनतम 5.8% होता।
दाएं भाग में, निवेशक ने स्मॉल कैप इंडेक्स में SIP शुरू किया और हर साल के टॉप परफॉर्मिंग इंडेक्स में स्विच किया। इस स्थिति में औसत रिटर्न 14.3%, अधिकतम 21.5% और न्यूनतम 2.8% रहा। लेकिन अगर SIP केवल स्मॉल कैप इंडेक्स में जारी रखी जाती, तो औसत रिटर्न 14.6%, अधिकतम 22.3% और न्यूनतम 0% होता।
इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि इंडेक्स स्विच करने की स्ट्रैटेजी हमेशा ज्यादा बेहतर रिटर्न नहीं देती। कभी-कभी लगातार एक ही इंडेक्स में SIP जारी रखना भी बेहतर साबित हो सकता है। हालांकि, यह पिछले प्रदर्शन पर आधारित है और भविष्य में ऐसे रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है।
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SIP की किस्त छूटने से आपके पोर्टफोलियो की ग्रोथ सुस्त हो सकती है। Moneyfront के CEO और MD मोहित गांग कहते हैं, कभी-कभी SIP मिस होने से ज्यादा नुकसान नहीं होता, लेकिन बार-बार मिस करने से कंपाउंडिंग, फाइनेंशियल टारगेट और पोर्टफोलियो रिटर्न पर असर पड़ता है।
वेल्थ क्रिएशन सुस्त हो जाएगा: SIP अनुशासित और नियमित निवेश के सिद्धांत पर काम करता है। किसी महीने की किस्त चूकने का मतलब है कि उस महीने यूनिट्स खरीदने का मौका छूट गया, जिससे लंबे समय में कंपाउंडिंग और फंड बनाने की गति धीमी हो सकती है।
रुपी कॉस्ट एवरेजिंग में कमी: किसी महीने की SIP मिस करने से बाजार में गिरावट का फायदा उठाने का मौका चला जाता है।
कोई पेनल्टी या पहले के निवेश में नुकसान नहीं: आपने पहले जो पैसा SIP में लगाया है, वह सुरक्षित रहता है और बाजार प्रदर्शन के अनुसार बढ़ता रहता है। जब तक आप निवेश नहीं निकालते या बार-बार SIP नहीं चूकते, तब तक कोई सीधा नुकसान नहीं होता।
गोयल बताते हैं, आमतौर पर एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) SIP की किस्त चूकने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाती हैं। हालांकि, ऐसा हो सकता है कि निवेशक के बैंक द्वारा अपर्याप्त बैलेंस की वजह से ऑटो डेबिट (auto mandate) फेल होने पर पेनल्टी ली जाए। अगर किसी कारणवश SIP की किस्त भरना संभव न हो, तो निवेशक को डिफॉल्ट करने की बजाय SIP को कुछ समय के लिए पॉज (Pause) कर देना चाहिए।
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SIP की केवल एक किस्त छूटने पर आपकी SIP योजना बंद नहीं होती है। गांग बताते हैं कि सिर्फ एक किस्त चूकने से आपकी SIP अपने आप रद्द नहीं होगी। भारत में ज्यादातर म्युचुअल फंड हाउस लगातार 3 SIP किस्तें (कभी-कभी इससे भी ज्यादा) मिस होने के बाद ही SIP को रद्द करते हैं, वह भी फंड हाउस या बैंक की ओर से।
SIP की किस्त छूटने के बाद भी आप अपनी SIP को फिर दोबारा से शुरू कर सकते है। वैभव चुघ कहते हैं, अगर आप लगातार 3 बार SIP की किस्त नहीं भरते, तो आपकी SIP बंद हो सकती है। आप इसे फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि इसे दोबारा शुरू करने के लिए पूरी प्रक्रिया फिर से करनी होगी।
गांग के मुताबिक, अगर आपकी SIP रद्द हो भी जाती है, तो आप उसे दोबारा शुरू कर सकते हैं या उसमें बदलाव कर सकते हैं। चाहें तो आप मिस हुई किस्त की राशि को एकमुश्त (lump sum) निवेश के रूप में भी जमा कर सकते हैं।