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नेपाल सरकार जल्द ही ₹100 से अधिक मूल्य के भारतीय नोटों के इस्तेमाल की अनुमति देने जा रही है। करीब दस साल बाद यह बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेपाली अख़बार द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) इस फैसले को लागू करने की अंतिम प्रक्रिया में है।
नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल ने कहा है कि नियम को नेपाल गजट में प्रकाशित करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नए नियमों को लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे। हालांकि, इसे लागू करने की आधिकारिक तारीख अभी तय नहीं हुई है।
इस फैसले से भारत और नेपाल के बीच यात्रा करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। खास तौर पर भारत में काम करने वाले नेपाली मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, इलाज के लिए आने-जाने वालों और पर्यटकों को अब नकदी से जुड़ी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
28 नवंबर को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने विदेशी मुद्रा नियमों में संशोधन किया था, जिसे 2 दिसंबर 2025 को भारत सरकार की गजट में प्रकाशित किया गया। इसके तहत अब लोग ₹100 तक के भारतीय नोट किसी भी मात्रा में नेपाल ले जा सकते हैं। इसके अलावा, ₹100 से अधिक मूल्य के नोट कुल ₹25,000 तक भारत से नेपाल और नेपाल से भारत ले जाने की अनुमति होगी।
नेपाल में ₹100 से बड़े भारतीय नोटों पर पाबंदी के कारण पर्यटन उद्योग को नुकसान हो रहा था। खासकर भारतीय पर्यटकों पर निर्भर होटल, कसीनो और अन्य व्यवसाय प्रभावित हो रहे थे। कई बार पर्यटक नियमों की जानकारी न होने के कारण पकड़े गए और उन्हें जुर्माना या कानूनी परेशानी झेलनी पड़ी।
नेपाल आने वाले पर्यटक, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, बिना घोषणा के 5,000 अमेरिकी डॉलर या उसके बराबर अन्य विदेशी मुद्रा ला सकते हैं। इससे ज्यादा राशि लाने पर कस्टम्स में घोषणा जरूरी है। वहीं, देश से बाहर ले जाते समय भी अधिकतम 5,000 डॉलर ही ले जाने की अनुमति है। भारत, नेपाल के लिए पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है।
2015 में RBI ने सुरक्षा कारणों से पहले ₹500 और ₹1,000 के नोटों पर रोक लगा दी थी, हालांकि बाद में ₹25,000 तक ले जाने की अनुमति दी गई। लेकिन 2016 की नोटबंदी के बाद नियम और सख्त हो गए। इसके अलावा, नेपाल को लंबे समय से भारत में नकली नोटों की तस्करी का संभावित रास्ता माना जाता रहा है।
मार्च 2024 से भारतीय पर्यटक नेपाल में QR कोड के जरिए डिजिटल भुगतान कर पा रहे हैं। शहरों में यह व्यवस्था ठीक से काम कर रही है, लेकिन दूर-दराज़ और पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क और तकनीकी समस्याओं के कारण कैश अब भी जरूरी है। ऐसे में ₹100 से बड़े भारतीय नोटों को अनुमति मिलना यात्रियों के लिए राहत की खबर है।
कुल मिलाकर, यह फैसला भारत-नेपाल के बीच यात्रा, व्यापार और पर्यटन को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।