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अब NPS में सोना-चांदी और IPO भी! आपके रिटायरमेंट पर क्या असर पड़ेगा

नए नियमों के तहत NPS में 5% तक सोना, चांदी, REIT, AIF और IPO में निवेश की मंजूरी, PFRDA ने जारी किया मास्टर सर्कुलर

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देवव्रत वाजपेयी   
Last Updated- December 12, 2025 | 3:20 PM IST

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने वालों के लिए सरकार ने बड़ा और अहम बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब NPS के इक्विटी फंड सिर्फ शेयर बाजार में ही निवेश नहीं करेंगे, बल्कि वे सोना, चांदी, रियल एस्टेट और नई कंपनियों के शेयरों में भी निवेश कर सकेंगे। इससे रिटायरमेंट के लिए जमा किया गया पैसा लंबे समय में ज्यादा सुरक्षित और मजबूत हो सकता है।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 10 दिसंबर 2025 को एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। यह सर्कुलर NPS, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), अटल पेंशन योजना (APY) और केंद्र व राज्य सरकार से जुड़ी पेंशन योजनाओं पर लागू होगा। यह नया सर्कुलर पहले जारी किए गए कई पुराने नियमों की जगह लेगा और तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

अब सोना, चांदी, REIT और AIF में भी निवेश

अब तक NPS के इक्विटी फंड ज्यादातर लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में ही निवेश कर सकते थे। नए नियमों के बाद NPS अपने इक्विटी पोर्टफोलियो का 5 फीसदी तक हिस्सा सोना और चांदी ETF, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT), इक्विटी आधारित AIF और IPO में लगा सकेगा।

वैल्यू रिसर्च ने कहा है कि यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि पैसा थोड़ी-थोड़ी अलग जगहों पर लगे, जिससे जोखिम ज्यादा न बढ़े और कमाई के मौके बेहतर हों।

मुख्य निवेश शेयर बाजार में ही रहेगा

नए नियमों के बावजूद NPS का ज्यादातर पैसा बड़े और भरोसेमंद शेयरों में ही निवेश होगा। नियमों के अनुसार, कम से कम 90 फीसदी निवेश Nifty 250 की टॉप 200 कंपनियों में किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि पेंशन का पैसा सुरक्षित रहे और उसमें ज्यादा जोखिम न हो, ताकि रिटायरमेंट के समय परेशानी न आए।

IPO और ETF में निवेश की अनुमति

नए नियमों के तहत NPS फंड अब बड़े IPO, FPO और ऑफर फॉर सेल में भी हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि, वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, निवेश सिर्फ उन्हीं नई कंपनियों में किया जाएगा जिनका आकार Nifty 250 की सबसे छोटी कंपनी के बराबर या उससे ज्यादा होगा।

इसके अलावा, NPS फंड Nifty 50 और Sensex जैसे प्रमुख इंडेक्स को ट्रैक करने वाले ETF और इंडेक्स फंड में भी 5 फीसदी तक निवेश कर सकेंगे।

जोखिम कम करने के लिए नए उपाय

नए नियमों में यह भी कहा गया है कि NPS फंड डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सिर्फ जोखिम कम करने के लिए। इसमें निवेश की सीमा 5% भी तय की गई है। इससे बाजार में तेज उतार-चढ़ाव के समय निवेशकों के पैसे को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी।

डेट फंड में भी बढ़े विकल्प

NPS के डेट फंड्स के लिए भी निवेश के नए रास्ते खोले गए हैं। अब ये फंड बैंक बॉन्ड, नगर निगम बॉन्ड, InvIT और REIT के बॉन्ड, और कुछ चुनिंदा डेट फंड्स में भी निवेश कर सकेंगे। इससे फिक्स्ड इनकम निवेश में बेहतर संतुलन और स्थिरता आएगी।

निवेशकों के लिए क्या बदलेगा

इन बदलावों से NPS में लगा पैसा बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होगा। जब बाजार गिरता है, तब सोना और चांदी सहारा देते हैं। वहीं REIT और IPO से लंबे समय में अच्छी कमाई हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो रिटायरमेंट के करीब हैं और अपने पैसे में कम जोखिम चाहते हैं।

इंडस्ट्री ने किया फैसले का स्वागत

इस बदलाव पर टाटा पेंशन मैनेजमेंट के CEO कुरियन जोस ने कहा कि नए निवेश नियम NPS को आज के समय के हिसाब से बेहतर बनाते हैं। इससे निवेशकों को पैसा लगाने के ज्यादा रास्ते मिलेंगे और जोखिम फैल जाएगा। सोना-चांदी ETF, AIF, REIT और नगर निगम बॉन्ड में सीमित निवेश की इजाजत मिलने से बिना ज्यादा खतरा बढ़ाए बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ेगी और NPS की सुरक्षा भी बनी रहेगी।

नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट के CEO शिरीष गोडबोले ने कहा कि पेंशन का पैसा REIT और InvIT में लगने से देश में सड़क, इमारत और रियल एस्टेट जैसे काम मजबूत होंगे।

वहीं, गोल्डन ग्रोथ फंड के CEO अंकुर जलान ने कहा कि AIF में निवेश की इजाजत मिलने से नई और तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों को पैसा मिलेगा और देश का कारोबार आगे बढ़ेगा।

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रिटायरमेंट के लिए ज्यादा मजबूत NPS

कुल मिलाकर, NPS के नए नियम निवेशकों के रिटायरमेंट फंड को ज्यादा संतुलित, सुरक्षित और मजबूत बना सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि निवेशकों को इसके लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह काम फंड मैनेजर खुद करेंगे।

First Published : December 12, 2025 | 2:51 PM IST