शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच स्मॉल और मिड कैप फंड्स निवेशकों के लिए अब और ज्यादा आकर्षक हो गए हैं। इसकी वजह रिटेल निवेशकों का छोटी और मझोली कंपनियों पर बढ़ता भरोसा है। ICRA एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉन्ग टर्म में स्मॉल और मिड-कैप फंड्स ने लार्ज कैप की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है। इतना ही नहीं, AUM ग्रोथ से लेकर इनफ्लो हासिल करने के मामले में भी इन फंड्स ने लार्ज कैप फंड्स को काफी पीछे छोड़ दिया है। हाल की सरकारी नीतियों ने MSMEs को सहारा दिया है। कंपनियों की जानकारी साझा करने की प्रक्रिया भी बेहतर हुई है। साथ ही, नियमों में किए गए सुधारों से छोटी कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है। इसी वजह से अब ये कंपनियां रिटेल निवेशकों को और ज्यादा लुभा रही हैं।
स्मॉल और मिड-कैप फंड्स ने लॉन्ग टर्म में लार्ज कैप फंड्स की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले पांच साल में, स्मॉल कैप फंड्स ने 28.27% का सालाना रिटर्न दिया, जबकि मिड कैप फंड्स ने 25.33% रिटर्न दिया। इसके मुकाबले, लार्ज कैप फंड्स ने 17.75% का ही सालाना रिटर्न दिया।
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इसी तरह, तीन साल की अवधि में भी स्मॉल और मिड कैप फंड्स ने रिटर्न देने के मामले में लार्ज कैप फंड्स को पीछे छोड़ दिया। पिछले तीन साल में, स्मॉल और मिड कैप फंड्स ने लगभग 19–20% का सालाना रिटर्न दिया, जबकि लार्ज कैप फंड्स 13.47% का ही रिटर्न दे सकें।
हालांकि एक साल के रिटर्न में सभी कैटेगरी में गिरावट आई। स्मॉल कैप फंड्स का रिटर्न 6.41%, मिड कैप का 3.95% और लार्ज कैप का 3.77% घट गया। इसके बावजूद निवेशक अब भी छोटी कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
Scheme Name | 1-Year (%) | 3-Years (%) | 5-Years (%) |
---|---|---|---|
Large Cap Fund | -3.77 | 13.47 | 17.75 |
Mid Cap Fund | -3.95 | 19.64 | 25.33 |
Small Cap Fund | -6.41 | 19.32 | 28.27 |
स्त्रोत: MFI360Explorer
निवेश हासिल करने के मामले में भी लार्ज कैप फंड्स, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स की तुलना में पीछे रह गए। ICRA एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2025 में मिड-कैप फंड्स का नेट इनफ्लो सालाना आधार पर 74.51% बढ़कर ₹5,331 करोड़ रहा। स्मॉल कैप फंड्स में भी ₹4,993 करोड़ का निवेश आया, जो सालाना आधार पर 55.57% की बढ़त दिखाता है। इसके मुकाबले लार्ज-कैप फंड्स में ₹2,835 करोड़ का निवेश आया, जो सालाना आधार पर सिर्फ 7.51% की बढ़ोतरी है।
वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत से अब तक मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्कीम्स में नेट इनफ्लो क्रमशः 55.01% और 22.01% बढ़ा है, जबकि लार्ज-कैप फंड में यह बढ़त 14.34% रही है।
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ICRA एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ मार्केट डेटा, अश्विनी कुमार ने कहा कि लार्ज-कैप कंपनियां पहले से मैच्योर होती हैं और उनका प्रदर्शन मैक्रोइकोनॉमिक साइकिल पर निर्भर करता है। इसके मुकाबले, छोटी कंपनियों के पास आगे बढ़ने और इनोवेशन करने की ज्यादा गुंजाइश होती है।
कुमार ने कहा, “स्मॉल और मिड-कैप कंपनियों के पास बिजनेस बढ़ाने, नए-नए प्रयोग करने और मार्केट शेयर हासिल करने के ज्यादा मौके होते हैं। इससे उनकी कमाई तेजी से बढ़ सकती है। इसके अलावा, ये कंपनियां अक्सर अंडरवैल्यूड रहती हैं और लार्ज-कैप कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो और रिटर्न ऑन एसेट्स देती हैं।”
उन्होंने कहा कि हाल की सरकारी नीतियों ने MSMEs को सहारा दिया है। कंपनियों की जानकारी साझा करने की प्रक्रिया भी बेहतर हुई है। साथ ही, नियमों में किए गए सुधारों से छोटी कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है। इसी वजह से अब ये कंपनियां रिटेल निवेशकों को और ज्यादा आकर्षित कर रही हैं।
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AUM ग्रोथ के मामले में भी स्मॉल और मिड-कैप फंड्स ने बाजी मार ली। अगस्त 2025 में मिड-कैप फंड्स का AUM सालाना आधार पर 10.9% बढ़कर 4.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। स्मॉल-कैप फंड्स का AUM 9.56% बढ़कर 3.51 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं, लार्ज-कैप फंड्स का AUM 5.86% की धीमी रफ्तार से बढ़कर 3.90 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा।
Scheme Name | Net AUM (Rs Lakh Crore) August 2025 | Net AUM (Rs Lakh Crore) August 2024 | Growth (%) |
---|---|---|---|
Large Cap | 3.90 | 3.68 | 5.98 |
Mid Cap | 4.27 | 3.85 | 10.91 |
Small Cap | 3.51 | 3.20 | 9.69 |
स्त्रोत: MFI360Explorer