Sectoral and Thematic Mutual Funds: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff) को लेकर निवेशकों की चिंता के बीच मार्च का महीना सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। AMFI डेटा के मुताबिक, इस कैटेगरी में मार्च में केवल ₹170 करोड़ का इनफ्लो आया। जबकि पिछले महीने फरवरी में सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में ₹5,711 करोड़ का भारी-भरकम निवेश आया था। यानी मासिक आधार पर निवेशकों ने करीब 97% पैसा सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स से बाहर निकाला। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस कैटेगरी में भारी बिकवाली की वजह निवेशकों में घबराहट नहीं बल्कि मुनाफावसूली है।
Moneyfront के CEO और MD मोहित गंग के मुताबिक, “सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स इनफ्लो में आई तेज गिरावट घबराहट के कारण नहीं, बल्कि प्रॉफिट-बुकिंग की वजह से हुई है। हाल के महीनों में कई सेक्टोरल फंड्स में तेज रैली देखने को मिली, जिसके बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया है। बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए अब निवेशक ज्यादा सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।” वह कहते हैं, कई सेक्टोरल और थीमैटिक स्कीम्स में इनफ्लो में गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते बढ़ी मार्केट वोलैटिलिटी रही। इससे घबराकर कई निवेशकों ने अपनी SIPs बंद कर दीं और अपने पैसे दूसरे फंड्स में शिफ्ट कर दिए।
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सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में निवेश घटना बाजार के लिए पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है। मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस सुरंजना बोर्थाकुर ने कहा कि सेक्टोरल कैटेगरी में धीमा निवेश भी एक पॉजिटिव संकेत है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में इस कैटेगरी में असामान्य रूप से अधिक निवेश देखा गया था।
पिछले कुछ महीनों की तुलना में सेक्टोरल और थीमैटिक कैटेगरी में नई फंड पेशकश (NFOs) की संख्या में आई कमी भी इनफ्लो में गिरावट की एक अहम वजह रही है। मार्च में इस कैटेगरी में सिर्फ एक नया फंड लॉन्च हुआ। इस फंड का नाम Motilal Oswal Active Momentum Fund है। इस NFO ने कुल ₹40 करोड़ जुटाए। NFOs की कम संख्या का असर इन स्कीमों में निवेश की रफ्तार पर साफ तौर पर देखा गया है।