म्युचुअल फंडों की इक्विटी खरीद कैलेंडर वर्ष 2024 में पहली बार 4 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गई। लगातार दो वर्षों तक 1.5-1.5 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी के बाद यह उछाल देखने को मिली है। पिछले तीन वर्षों में से दो 2022 व 2024 में म्युचुअल फंड इक्विटी बाजार में सबसे बड़ा संस्थागत खरीदार रहा। साल 2023 में वह विदेशी संस्थागत निवेशकों से मामूली पीछे रहा। एमएफ द्वारा इक्विटी खरीद में तेज उछाल इक्विटी और हाइब्रिड एमएफ योजनाओं में रिकॉर्ड निवेश के कारण हुई है। एसआईपी में लगातार हो रहे निवेश ने भी एमएफ की क्रय शक्ति में इजाफा किया है।
नवंबर तक, एक्विट इक्विटी योजनाओं ने 2024 में निवेशकों से 3.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। इसकी तुलना में 2023 में पूरे साल निवेश 1.6 लाख करोड़ रुपये रहा था। एमएफ की बढ़ती इक्विटी खरीद क्षमता बाजार के लिए अहम सहारा साबित हुई है, खास तौर से एफआईआई की बढ़ती बिकवाली के चरणों के दौरान।
मिरे ऐसेट ने एक रिपोर्ट में कहा, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) द्वितीयक बाजार में इक्विटी के मजबूत खरीदार रहे जबकि एफपीआई मार्जिन पर शुद्ध खरीदार बन गए। एमएफ में मासिक एसआईपी निवेश में वृद्धि देखी जा रही है और अक्टूबर 2024 में यह 25,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
उल्लेखनीय रूप से एमएफ ने डीआईआई के शुद्धथ निवेश में 2024 के दौरान करीब 80 फीसदी का योगदान दिया। बढ़ते एमएफ निवेश ने भी बाजार को पिछले साल जारी रिकॉर्ड नई इक्विटी को समाहित करने की अनुमति दी है। रिपोर्ट में कहा गया है, 2024 में प्राथमिक बाजार में रिकॉर्ड 3.4 लाख करोड़ रुपये के शेयर जारी हुए। हम इस गति को 2025 में जारी रहता रख सकते हैं।