भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि बाजार नियामक म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं के वर्गीकरण ढांचे में बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है। मुंबई में 18वें सीआईआई म्युचुअल फंड समिट 2025 में कुमार ने फंड श्रेणियों को संयुक्त करने और बड़े शहरों से दूर रहने वाले निवेशकों के लिए निवेश योजनाओं के नामों को अधिक सुगम बनाने के सेबी के प्रयासों के बारे में बताया।
थीमेटिक फंड योजनाओं के ज्यादा प्रसार से जुड़ी चिंताओं के बीच सेबी का लक्ष्य निर्धारित श्रेणियों में मौजूदा अंतर को दूर करना है। मौजूदा समय में में सेबी द्वारा 36 श्रेणियां निर्धारित की गई हैं।
कुमार ने यह भी कहा कि नियामक प्रतिबंध वाले नियमों, विशेष रूप से रेग्युलेशन 24(बी) की समीक्षा कर रहा है, जो परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने और परिचालन का विस्तार करने से रोकता है। यह रेग्युलेशन ऑफशोर परिसंपत्ति प्रबंधन सहित एएमसी की कारोबारी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
सेबी जानकारी जुटाने के लिए एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इसके अलावा, नियामक आंतरिक नियंत्रण को मजबूत करने और बाजार का दुरुपयोग रोकने के लिए एएमसी के लिए संस्थागत ढांचे में नरमी की योजना बना रहा है। हाल में सेबी ने एएमसी के लिए अपनी योजनाओं में अनिवार्य निवेश जरूरतों को कम करते हुए ‘फंड कर्मचारियों के निवेश’ मानकों को भी आसान बनाया है।