NFO Alert: एंजेल वन म्युचुअल फंड ने गुरुवार (20 मार्च) को एंजेल वन निफ्टी 1D रेट लिक्विड ईटीएफ (ANGEL ONE NIFTY 1D RATE LIQUID ETF – GROWTH) लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है जो Nifty 1D Rate Index को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस स्कीम में तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर जोखिम (Low Interest Rate Risk) और कम क्रेडिट जोखिम (Low Credit Risk) होता है। यह NFO आज यानी 20 मार्च से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। निवेशक 24 मार्च 2025 तक इस न्यू फंड ऑफर में पैसा लगा सकते हैं।
म्युचुअल फंड हाउस एंजेल वन के इस न्यू फंड ऑफर में निवेशक मिनिमम ₹1,000 से निवेश शुरू कर सकते हैं, और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं। इस स्कीम में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है और न ही कोई एग्जिट लोड है। इस स्कीम का बेंचमार्क NIFTY 1D Rate Index हैं। केवल शाह और मेहुल दामा इस NFO के फंड मैनेजर हैं।
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स्कीम इनफार्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के मुताबिक, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए स्कीम पैसिव या इंडेक्सिंग अप्रोच अपनाएगी और NIFTY 1D Rate Index को ट्रैक करेगी। इंडेक्सिंग स्ट्रैटेजी किसी बेंचमार्क की तुलना में ओवर-परफॉर्मेंस या अंडर-परफॉर्मेंस से जुड़े सक्रिय प्रबंधन जोखिमों को समाप्त कर देती है।
यह स्कीम अपनी कुल परिसंपत्तियों का कम से कम 95% निवेश अपने बेंचमार्क इंडेक्स के अंतर्गत आने वाली प्रतिभूतियों में करेगी। इसके अलावा, यह लिक्विडिटी और खर्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या अन्य म्युचुअल फंड्स की मनी मार्केट/लिक्विड स्कीमों में भी निवेश कर सकती है।
फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों या टी-बिल्स पर थर्ड-पार्टी रीपो/रीपो और रिवर्स रीपो, कैश और कैश इक्विवेलेंट्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करेगी, जिनकी मैच्योरिटी अवधि 91 दिनों से ज्यादा नहीं होगी।
सामान्य परिस्थितियों में, स्कीम के तहत एसेट एलोकेशन इस प्रकार होगा:
कुल एसेट का 95% से 100% तक हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों या टी-बिल्स पर ट्राई-पार्टी रीपो, रीपो और रिवर्स रीपो में निवेश किया जाएगा। वहीं, शेष 0% से 5% तक कैश और कैश इक्विवेलेंट्स और ऐसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाएगा जिनकी शेष मैच्योरिटी अवधि 91 दिनों से ज्यादा नहीं होगी।
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फंड हाउस के मुताबिक, यह NFO उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है जो तुरंत इनकम के साथ-साथ हाई लिक्विडिटी का लाभ उठाना चाहते हैं। और सरकारी प्रतिभूतियों या टी-बिल्स पर थर्ड-पार्टी रीपो / रीपो और रिवर्स रीपो तथा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना चाहते हैं। रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को लो रिस्क के दायरे में रखा गया है।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)