इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश अगस्त में भी ऊंचे स्तर पर बना रहा। इससे पहले जुलाई में इक्विटी म्युचुअल फंडों में 42,702 करोड़ रुपये आए थे। म्युचुअल फंड प्रबंधकों द्वारा सेकंडरी बाजार में ताबड़तोड़ खरीदारी के बाद जुलाई निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
अगस्त में एमएफ ने इक्विटी फंडों में निवेश बढ़ा दिया जिससे शुद्ध खरीदारी 70,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो किसी महीने होने वाला दूसरा सबसे अधिक निवेश है। इससे पहले केवल अक्टूबर 2024 में इक्विटी निवेश 90,770 करोड़ रुपये तक पहुंचा था। यह अब तक किसी एक महीने में हुआ निवेश का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
एमएफ द्वारा शुद्ध इक्विटी फंडों में निवेश कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमें इक्विटी (पैसिव सहित) और हाइब्रिड योजनाओं में रकम का आना-जाना, हाइब्रिड योजनाओं में इक्विटी आवंटन में बदलाव और नकद हिस्सेदारी में परिवर्तन आदि शामिल हैं।
एमएफ इक्विटी में अगस्त में हुआ जमकर निवेश बाजार में गिरावट के बीच हुआ है। निफ्टी 50 इंडेक्स जुलाई में लगभग 3 प्रतिशत फिसल गया था और अगस्त में 1.4 प्रतिशत निचले स्तर पर बंद हुआ।
जुलाई में एमएफ प्रवाह में तेजी छह महीने तक निवेश की गति सुस्त रहने के बाद आई है। यह तेजी एकमुश्त प्रवाह और नई फंड पेशकश (एनएफओ) संग्रह में सुधार के बाद आई है। सकल एकमुश्त निवेश जून में 34,300 करोड़ रुपये से बढ़कर जुलाई में 52,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया।
इक्विटी म्युचुअल फंडों में एकमुश्त प्रवाह मुख्य रूप से धनाढ्य लोगों और संस्थागत निवेशकों से आता है। एकमुश्त निवेश बाजार में गिरावट, मूल्यांकन के अवसरों और निवेश रणनीतियों से प्रभावित होता है। एनएफओ भी एकमुश्त निवेश का एक प्रमुख जरिया है। जुलाई में एमएफ उद्योग ने इसके जरिये रिकॉर्ड 30,416 करोड़ रुपये जुटाए थे। मगर इस का एक बड़ा हिस्सा ऋण एनएफओ में चला गया। अगस्त में भी एनएफओ आने की गति तेज बनी रही।